चार दिन में ट्रेन की चपेट में आने से तीसरी मौत
अब घर लौट रहे युवक की गई जान ; पुलिस का मानना- यहां सुनाई नहीं देती ट्रेन की आवाज
ब्रह्मास्त्र इंदौर। चार दिन पहले जहां दादी-पोती की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई थी। शनिवार को उसी जगह पर ट्रेन की टक्कर से एक युवक की जान चली गई। हादसा शहर के राजेन्द्र नगर क्षेत्र में रेलवे ब्रिज के पास हुआ। इस हादसे में दुखद बात यह है कि मृतक की मां खाने पर अपने बेटे का इंतजार कर रही थी, लेकिन उसकी मौत की खबर उस तक पहुंची। युवक देर शाम अपने घर जा रहा था। तभी हादसे का शिकार हो गया। उसके पास मिले आईडी कार्ड के जरिए पुलिस देर रात उसके परिवार तक पहुंची। पुलिस शव की शिनाख्त के लिए छोटे भाई को साथ ले गई। उसने बड़े भाई के हाथ पर दिल के टैटू से उसे पहचाना।
जीआरपी पुलिस के मुताबिक मृतक की पहचान अनिल (23) पुत्र मोहन खराडिया निवासी संजय गांधी नगर के रूप में हुई है। हेड कॉन्स्टेबल राजेश राठौर ने बताया कि रात करीब 11 बजे ब्रिज के पास उन्हें एक युवक के शव पड़े होने की सूचना मिली थी। मौके पर जाकर देखा तो मृतक के पास से एक आईडी मिला था। जिसमें अनिल नाम लिखा था। संजय गांधी नगर जब पुलिस पहुंची तो उसके परिवार के लोगों को लगा कि बेटा आया है। लेकिन हमने शव की शिनाख्त के लिए उसके छोटे भाई सुनील को साथ लिया।
मां ने मोबाइल पर कॉल भी किया
पुलिस के मुताबिक अनिल ने अपने हाथ में दिल का टैटू गुदवाया था। उसे देखकर ही उसके भाई ने उसकी शिनाख्त की। पुलिस ने जब हाथ पर लाइट दिखाई तो सुनील ने अनिल के शव होने की पहचान की। उसने बताया कि मां ने उसके मोबाइल पर भी कॉल किया था। लेकिन वह फोन नहीं उठा रहा था।
रोज निकलते हैं लोग
पटरी के दोनों ओर रहवासी इलाके और बस्तियां हैं। यहां लोग पटरी पार करते हैं। इसके लिए राजेंद्र नगर ब्रिज के नीचे से निकलने का रास्ता बना रखा है। पुलिस का दावा है कि यहां से निकलने के दौरान लोगों को ट्रेन की आवाज नहीं आ पाती। ब्रिज बनने के बाद से अब तक तीन साल में एक दर्जन से अधिक हादसे हो चुके हैं।
दादी-पोती की भी गई थी जान
अनिल की जहां जान गई। वहां 4 दिन पहले दादी ओर पोती भी हादसे का शिकार हुई थी। दोनों अचानक ट्रेन के आने से आवाज नहीं सुन पाई थी। कुछ ही दूरी पर अनिल भी यही हादसे का शिकार हुआ। पुलिस के मुताबिक संभवत: वह ट्रेन की आवाज नहीं सुन पाया।