वाराणसी। काशी और अयोध्या में वीकेंड पर करीब 25 लाख श्रद्धालु मौजूद हैं। अयोध्या में श्रद्धालुओं को करीब 10 किमी तक पैदल चलना पड़ रहा है। पुलिस बॉर्डर पर ही गाड़ियों को पार्क करवा रही है। बिहार, महाराष्ट्र ,पंजाब, तेलंगाना और दक्षिण भारत से पहुंचे श्रद्धालु गलियों में भटकने को मजबूर हैं। वहीं, काशी में रविवार को 20 लाख लोगों की मौजूदगी बताई जा रही है। घाटों पर सीमित क्षमता होने की वजह से शाम 6 बजे के बाद नाव चलाने पर रोक लगा दी गई है। गंगा आरती को भी 26 फरवरी तक रोक दिया गया है। सिक्योरिटी कारणों से लोगों को जगह-जगह बैरिकेडिंग लगाकर रोका जा रहा है।
वाराणसी में महाकुंभ से लौटते श्रद्धालुओं की भीड़ अब सारे रिकार्ड तोड़ चुकी है। आज 24 घंटे यानि वीकएंड पर 20 लाख श्रद्धालुओं का काशी पहुंचने के आसार है। रविवार को भोर से ही शहर की सड़कों समेत मंदिर के सभी मार्ग श्रद्धालुओं से खचाखच भरे हैं। सड़क के अलावा गलियों में भी कतारें लगी है।
भोर 2.45 बजे पट खोलने के बाद पुजारियों ने विधि विधान से बाबा का अभिषेक किया। भव्य मंगला आरती के बीच हर हर महादेव की जयघोष गूंजता रहा। जब आरती का समापन हुआ तब तक कतार में एक लाख श्रद्धालु लगे थे, वहीं 2 लाख श्रद्धालु घाटों पर जमा थे। श्री काशी विश्वनाथ धाम में शुक्रवार को भी लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे रहे हैं। मां गंगा में स्नान और नौका विहार के साथ बाबा श्री काशी विश्वनाथ, काल भैरव, संकट मोचन जैसे प्रमुख मंदिरों में दर्शन के लिए लंबी-लंबी कतारें हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ से पूरा शहर खचाखच है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के चलते पुलिस, सीसीटीवी और ड्रोन से निगरानी की जा रही है, जबकि गंगा किनारे जल पुलिस और एनडीआरएफ की टीमें तैनात हैं।