दैनिक अवंतिका उज्जैन। बैंक खातों के आनलाईन होने के चलते जिले में 42 विद्यार्थियों को मिलने वाले लेपटाप की राशि उलझ गई है।खातों में अन्यानेक प्रकार की समस्याओं का सामना इस योजना को क्रियान्वित करने के दौरान स्कूलों को करना पडा है। जिले में 2103 ऐसे विद्यार्थी हैं जिन्हें लेपटाप की राशि 25 हजार रूपए उनके बैंक खातों में डाली जाना है।
जिले सहित प्रदेश भर में बारहवीं बोर्ड परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले मेधावी छात्रों को लैपटॉप की राशि देने में परेशानी का सामना करना पड रहा है। विभाग के सामने विद्यार्थियों के बैंक खाते समस्या बन गए हैं। कई मेधावी छात्रों के बैंक खाते बंद है तो कई छात्रों की उम्र कम है। ऐसे में राशि खातों में ट्रांसफर करने में अड़चनें आ रही हैं। जिले में 42 ऐसे ही विद्यार्थियों की राशि अटकने की स्थिति बन रही है। कई छात्रों की उम्र 18 वर्ष से कम होने के कारण उनके खातों में राशि ट्रांसफर नहीं हो पा रही है। शिक्षा विभाग के अधिकारी समस्याओं का निदान करते हुए योजना को अमली जामा पहनाने की कवायद कर रहे हैं।
ये है योजना-
शिक्षा विभाग के अनुसार हायर सेकेंडरी में शासकीय स्कूल के विद्यार्थियों को इस योजना का लाभ शासन से दिया गया है। इसमें 75 प्रतिशत से ज्यादा अंक लाने वाले विद्यार्थियों को शामिल किया गया है। इसके तहत बच्चों को लेपटाप की राशि उनके खातों में दी जाती है। वर्ष 2023-24 की राशि अब दी जाएगी।
18 वर्ष की आयु में 1-3 माह बाकी…
बैंकिंग नियमों के अनुसार, 18 साल से कम उम्र के बच्चों को माइनर में रखा गया है। मायनर के खाते पालकों के सह भाग से ही संचालित होते हैं। कई बच्चे ऐसे हैं जिनकी 18 साल की उम्र पूरी होने में 1 से 3 माह का समय शेष बचा हुआ है। ऐसे में विभाग के सामने तकनीकी अड़चने भी रही हैं। ऐसे खाते इस प्रक्रिया से प्रभावित होना बताए जा रहे हैं। लैपटॉप की राशि समय पर न मिलने से अभिभावक स्कूलों और बैंकों के चक्कर लगा रहे हैं।
निष्क्रिय खाते चालू करवाए-
यह भी एक समस्या सामने रही है कि विद्यार्थियों के खाते तो बैंको में खोल दिए गए। सालों से उन खातों में कोई लेनदेन न किए जाने के कारण ऐसे खाते डी एक्टिवेट हो गए । ऐसे में उन छात्रों को दोबारा से ई-केवायसी करानी पडी है।
-हमने स्कूलों से बच्चों के ईकेवायसी एक्टिवेट खातों की जानकारी और खातों की फोटोकापी मंगवाई थी। कुल 2103 विद्यार्थी जिले में इस योजना के तहत थे। उनमें से 42 बच्चों के खातों में उलझन की स्थिति मिली है। बैंकों से बात कर समाधान निकाला जा रहा है।
-गिरीश तिवारी,एडीपीसी, जिला शिक्षा कार्यालय,उज्जैन