उज्जैन। संभाग आयुक्त संजय गुप्ता की अध्यक्षता में संभागीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक गुरूवार को प्रशासनिक संकुल भवन के एनआईसी कक्ष में आयोजित की गई। बैठक में एडीजी उमेंश जोगा, डीआईजी नवनीत भसीन, कलेक्टर नीरज कुमार सिंह, पुलिस अधिक्षक प्रदीप शर्मा, एएसपी नितेश भार्गव, आरटीओ संतोष मालवीय, जिला शिक्षा अधिकारी, लोक निर्माण विभाग, एमपीआरडीसी, एनएचएआई और संबंधीत विभागों के अधिकारी गण मौजूद थे। उज्जैन संभाग के रतलाम, मंदसौर, नीमच,आगर-मालवा, देवास और शाजापुर जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधिक्षक और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारीगण वीसी के माध्यम से शामिल हुए।
बैठक में आगामी सिंहस्थ 2028 हेतु यातायात नियंत्रण, जिले में पंजीकृत वाहनों की संख्यात्मक जानकारी की सूची तैयार करने, चालक/परिचलकों का प्रशिक्षण, टोल प्लाजाओं पर प्रतिदिवस के मान से श्रेणीवार आने-जाने वाले वाहनों की संख्यात्मक जानकारी, सिंहस्थ म्में आने वाले दर्शनार्थियों के आवागमन हेतु सुलभ यातायात के साधन उपलब्ध कराये जाने, शहर को जोडने वाले मुख्य मार्गों के संकेतक /माईल स्टोन जो खराब हो चुके है, उन्हें तत्काल रंग-रोगन कर मरमत का कार्य, दुर्घटना संभावित स्थल, ब्लेक स्पाट का चिन्हांकन कर उनकी समाधानकारक कार्यवाही/मरम्मत का कार्य एवं चेतावनी संकेतक/माईल स्टोन लगाये जाने, दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु राष्ट्रीय/राजकीय मार्गों पर जहाँ पेड, झाड़ियां बढ गई हैं, उनकी छंटाई किये जाने पर चर्चा कि गई।
बैठक में संभाग आयुक्त ने कहा कि संभागीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में दिए गये निदेर्शों का गंभीरता से पालन किया जाए। सड़क दुर्घटनाओें में कमी लाने के लिए विजन जीरो एक्सिडेंट के अंतर्गत जागरूकता फैलाई जाए तथा जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा विद्यालयों में, प्राचार्यो द्वारा महाविद्यालयों में तथा आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस के द्वारा सड़क सुरक्षा का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए। इसमें एनसीसी और एनएसएस के छात्रों को भी सम्मिलित किया जाए।
सड़कों के निर्माण में सड़क सुरक्षा मापदण्डों का पालन किया जाए। घुमावदार सड़कों पर रोड़ बैंकिंग कार्य (वक्र सड़क के बाहरी किनारे को अंदरुनी किनारे से ज्यादा उपर उठाना ) पर विशेष ध्यान दिया जाए। यातायात संबंधी नियमों का सख्ती से अनुपालन करवाया जाए। दुर्घटना की स्थिति में घायलों का प्राथमिक उपचार गोल्डन आवर्स में करवाया जाना सुनिश्चित कराया जाए। राष्ट्रीय राजमार्गो पर पड़ने वाले ग्रामीण क्षेत्रों की ओर जाने वाली सड़कों पर उचित दिशा सूचक लगायें जाएं ताकि दुर्घटनाओं में कमी आ सके।
स्पीड ब्रेकर का निर्माण मापदण्डों के अनुसार ही किया जाए। स्पीड ब्रेकर जहां बनाया जा रहा है उसके पूर्व चेतावनी बोर्ड लगाए जाए। दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाए। स्कूल बसों के संचालन में माननीय सुप्रीम कोर्ट के निदेर्शों का अक्षरश: पालन किया जाए। शराब पीकर वाहन चलाने वालों के विरुध्द सख्त कार्यवाही की जाए। बरसात में गढ्ढों को तुरंत भरने कि कार्यवाही की जाए।
एडीजी उमेश जोगा ने निर्देश दिये कि समस्त आरटीओ ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने के पहले संबंधीत का ड्राइविंग टेस्ट लेने पर विशेष ध्यान दे। सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति का गोल्डन आवर्स में उपचार निशुल्क किया जाए। दुर्घटना से संबंधित एफआईआर दर्ज करते समय कारण का उल्लेख अवश्य किया जाए। यातायात और सड़क सुरक्षा में सुधार लाने के लिए सिविल वॉलेंटीयर्स को भी जोड़ा जाए।
उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार और पुलिस अधिक्षक प्रदीप शर्मा ने बैठक में जानकारी दी कि सड़क दुर्घटना में घायलों की मदद करने वाले लोगों (गुड सेमेरिटन) का सम्मान स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर किया जाएगा। नरवाइ जलाने से होने वाले धुए के कारण अक्सर सड़कों पर दृश्यता कम हो जाती है जिस कारण से दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है अत: नरवाई जलाने पर पूर्णत: प्रतिबंध लगा दिया गया है। हार्वेस्टर का पंजियन अनिवार्य रुप से किया जा रहा है साथ ही मंडी व उपार्जन केंद्रंो पर आने वाले ट्रैक्टर-ट्रोलियों पर रेडियम कि स्ट्रीप चिपकाई जा रही है।
कलेक्टर रतलाम ने बैठक में जानकारी दी की जिले में सड़क सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है साथ ही डीवाइडर स्ट्रीप पर पेड़ों की छटाई हो रही है, सभी प्रमुख मार्गों पर रम्बल स्ट्रीप बनाई जा रही है तथा साइन बोर्ड भी लगाए जा रहे है। चौराहो से अतिक्रमण हटवाने की कार्यवाही की जा रही है। सार्वजनिक उपयोग के वाहनों के वाहन चालकों का दृष्टि परीक्षण और मेडीकल परीक्षण समय-समय पर करवाया जा रहा है। स्कूल बसों की सतत चेकिंग कि जा रही है। विगत माह सड़क सुरक्षा अभियान भी चलाया गया है। राज्य मार्गो के प्रमुख दुर्घटना संभावित क्षेत्रों पर इंटरसेप्टर वाहनों के माध्यम से नजर रखी जा रही है। शहर में नगर पलिका निगम के साथ समंवय कर दिशा सुचक बोर्ड लगाए जा रहे है। ऐसे स्थान जहा अक्सर ट्रेफिक जॉम होता है वहा ड्रोन के माध्यम से स्थिति का विश्लेषण कर निराकरण करने का प्रयाश किया जा रहा है।
कलेक्टर शाजापुर के द्वारा जानकारी दी गई की जिले में सड़क दुर्घटनाओं में 30 प्रतिशत कमी आई है और दुर्घटना में घायलों की संख्या में 13 प्रतिशत कि कमी आई है। अनफिट स्कूल बसों की जब्त की कार्यवाही की जा रही है। नागरिकों व शासकीय कर्मचारियों के दो पहिया वाहन चलाते समय हेलमेट ना पहनने पर चालानी कार्यवाही की जा रही है।
कलेक्टर देवास ने जानकारी दी कि जिले में अभी तक 4500 ट्रोलियों पर रेडियम स्ट्रीप लगाई गई है। जिले में वाहनों से होने वाले प्रदूषण नियंत्रण हेतु पीयूसी प्रमाण पत्र चेकिंग का अभियान भी चलाया जा रहा है। बैठक में अन्य जिलों के कलेक्टर के द्वारा सड़क सुरक्षा के संबंध में विस्तार से बताया गया।