जर्जर इमारत में चल रहा है कोतवाली थाना- पुलिस कर्मियों को सता रहा है डर- थाने की बिल्डिंग बिल्कुल खस्ता हाल में – लगभग 100 साल पुरानी बिल्डिंग में बारिश के दौरान छत टपकने लगती है

दैनिक अवंतिका उज्जैन। 

पुलिस के अधिकारियों के द्वारा जहां थानों को अत्याधुनिक सुविधाएं देते हुए हाईटेक किया जा रहा है, साथ ही पुलिस कर्मी को हर सुविधा मुहैया करा रही है, लेकिन वर्तमान में शहर में जिस इमारत में कोतवाली थाना चल रहा हैं वो जर्जर हो चुकी हैं।

पुलिस अधिकारी और कर्मचारी इस जर्जर इमारत में जान जोखिम में डालकर काम करने के लिए मजबूर हैं। खस्ता हाल इमारत की छत तले जहां पुलिस कर्मी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, वहीं लाखों रुपये का आधुनिक सामान भी महफूज नहीं है। पुलिस कब्जे में लिए वाहनों को रखने के लिए पहले ही बेबस है, बारिश के दौरान टिपटिप करती छतों तले रिकार्ड व कंप्यूटर आदि साजो सामान को संभालना कोतवाली थाने में मुंशियों के लिए टेढ़ी खीर बना हुआ है। क्योकि जिस छत के नीचे बैठकर वह काम कर रहे हैं वह किसी समय गिर सकती है फिर भी उसके नीचे बैठने के साथ काम भी करना पड़ता है। नई सड़क कंठाल चौराहे पर स्थित
कोतवाली थाने की बिल्डिंग बिल्कुल खस्ता हाल में हैं।जिस पुरानी बिल्डिंग में कोतवाली थाना संचालित हो रहा है वह इमारत लगभग 100 साल पुरानी है। जनता की सुरक्षा करने वाले पुलिस वाले इसी भवन में रहने को मजबूर हैं। यदि कोई हादसा हो जाता है तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। बारिश के दौरान कोतवाली थाने के अंदर हालात और बिगड़ जाते हैं। यहां जगह-जगह से पानी टपकता है। पिछली बारिश के दौरान पुलिस कर्मी के ऊपर प्लास्टर गिरा था, जिससे वह बाल-बाल बच गया था।
जान जोखिम में डाल कर दूसरों को सुरक्षा देने वाले इन पुलिस कर्मियों की जान जर्जर कोतवाली थाना कार्यालय व आवास के बीच असुरक्षित है। कहीं जर्जर आवास के प्लास्टर टूटकर गिर रहे हैं, तो कहीं बारिश होते ही थाना कार्यालय का छत टपकने लगती है। दिन में तो किसी तरह सतर्क पुलिसकर्मी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर लेते हैं, लेकिन जर्जर आवास में रात में कब हादसा हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता।
100 साल के लगभग पुराना भवन
कोतवाली थाने की बिल्डिंग को विनोद मिल के मलिक लालचंद सेठी ने बनाया था तथा 100 साल के लगभग पुराना भवन हो चुका है। कोतवाली थाने की बिल्डिंग में पुलिस कर्मियों के रहने के आवास भी बना है। लंबे समय के बने यह आवास अब पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं। पुलिसकर्मियों के आवास की अन उपलब्धता के कारण अधिकांश पुलिसकर्मी कोतवाली थाने के पुराने और जर्जर भवन में रहने को मजबूर हैं।
बरसात में टपकता है पानी
कोतवाली थाने के अंदर दिवाल पर लगे प्लास्टर देखरेख और मरम्मत के अभाव में टूटकर गिर रहे हैं।
 बरसात होने पर स्थिति गंभीर हो जाती है। बरसात में जगह-जगह से पानी टपकता है। छत से टपकते पानी से पुलिसकर्मियों को खुद के साथ अभिलेखों का बचाव करने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
चोडी करण में कोतवाली थाने का भी कुछ हिस्सा टूटेगा
कोतवाली थाने के भवन की जर्जर हालत को देखते हुए अभी तक पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने इसे दूसरे भवन में शिफ्ट करने का निर्णय नहीं लिया है। बताया जा रहा है कि कोतवाली थाने के समीप मार्ग का चोड़ी करण भी होना है ऐसी स्थिति में इस कोतवाली थाने के भवन का कुछ हिस्सा भी टूटेगा इसके बाद यह भवन उपयोग लायक भी नहीं बचेगा।

Author: Dainik Awantika