महापूजा के बाद महाकाल ने फूलों के सेहरे में सजकर दिए दिव्य दर्शन- गर्भगृह में 11 ब्राह्मणों ने 101 लीटर दूध व फलों के रस से किया महाभिषेक – दूल्हा बने महाकाल पर चांदी के सिक्के अर्पित

दैनिक अवंतिका उज्जैन। 

महाशिवरात्रि की पूरी रात महाकाल मंदिर में महापूजा चली। इस दौरान भगवान महाकाल का 101 लीटर दूध सहित पंचामृत एवं कई प्रकार के फलों के रस से गर्भगृह में शासकीय पुजारी घनश्याम गुरु के आचार्यत्व में 11 ब्राह्मणों ने अभिषेक किया। इसके बाद अल सुबह 4 बजे भगवान महाकाल को सवा मन फूलों से सेहरा सजाया गया। फलों की मालाएं अर्पित की गई।

महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के सदस्य एवं पुजारी प्रदीप गुरु ने बताया कि सुबह 6 बजे से 11 बजे तक हजारों श्रद्धालु दूल्हा बने महाकाल के सेहरा शृंगार के दर्शन करने मंदिर में उमड़े। महाभिषेक में गंगाजल, गुलाब जल, भांग और केसर मिश्रित दूध का भी विशेष रूप से उपयोग किया गया। बुधवार की रात 11 बजे से गुरुवार की सुबह 4 बजे तक चार प्रहर की महापूजा चली। इसके बाद भगवान को नए वस्त्र पहनाए गए। सप्तधान्य से उनका मुख मंडल श्रृंगारित किया गया फिर सेहरा सजाया गया। सुबह 6 बजे सेहरा आरती की गई।

भगवान महाकाल को 108 

किलो सप्त धान अर्पित किए 

महाभिषेक के बाद भगवान महाकाल को परंपरा अनुसार पुजारी आशीष गुरु के साथ अन्य पंडे, पुजारियों ने मंत्रोच्चार के साथ गर्भगृह में सप्त धान अर्पित किए। जिसमें 31 किलो चावल, 11-11 किलो मूंग, तिल, मसूर, जौ, गेहूं, साल और उड़द शामिल थे। 

सवा लाख बिल्वपत्र और 

फूल चढ़ाकर किया पूजन 

सप्तधान अर्पण के बाद भगवान को मंत्रोच्चार के साथ सवा लाख बिल्वपत्र अर्पित किए गए। इसके बाद स्वर्ण और रजत आभूषण, छत्र, चंद्र मुकुट और त्रिपुंड पहनाए गए। मंदिर समिति की ओर से भगवान को चांदी का सिक्का और चांदी का एक बिल्व पत्र अर्पित किया गया।

भस्मारती से पहले पट 

बंद करा उतारा सेहरा 

बाबा महाकाल का दिन की भस्मारती से पहले पट बंद कर पुजारियों ने सुबह करीब 11 बजे सेहरा उतारा। 

 

Author: Dainik Awantika