उज्जैन। सूबे की मोहन सरकार ने मालवा क्षेत्र में आनंदा बालाजी फूड्स प्रालि को तीस एकड़ जमीन का आवंटन कर दिया है। जिस जमीन को आवंटित किया गया है वहां कंपनी निवेश कर उद्योग शुरू करेगी। बता दें कि हाल ही में भोपाल मे ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया था लेकिन इसके बाद से ही सरकार न केवल समिट में हुए सभी एमओयू को धरातल पर उतारने की तैयारी में है वहीं जमीन आवंटन की भी प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है।
जिन कंपनियों को जमीन आवंटित कर दी गई है उसमें अरिहंत इंडस्ट्रीज को 50 एकड़ भूमि आवंटित की गई है। कंपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के साथ औद्योगिक नियमों के अनुसार ऊर्जा-कुशल प्रक्रियाओं को शामिल करने की योजना पर काम कर रही है। इसी तरह से डिटरमाइंड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को नीमच में 75 एकड़ भूमि आवंटित की गई है। यह आवंटन कंपनी को नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में विस्तार करने में मदद करेगा। उधर, आनंदा बालाजी फूड्स प्राइवेट लिमिटेड को मालवा क्षेत्र में 30 एकड़ भूमि आवंटित की गई है।
पूर्व सरकारों में हुई इन्वेस्टर्स समिटों से सबक
पूर्व सरकारों में हुई इन्वेस्टर्स समिटों से सबक लेते हुए इस बार मोहन सरकार चाहती है कि निवेश को लेकर जितने भी एमओयू हुए हैं, वे सभी धरातल पर उतरे, यही वजह है कि अब सरकार स्तर पर आयोजन होने के बाद बाकायदा अफसरों को निवेश के लिए फॉलोअप करने का जिम्मा सौंप दिया गया है। दरअसल, पिछले वर्षों में मप्र में हुई इन्वेस्टर्स समिट का अनुभव अच्छा नहीं रहा है। इन इन्वेस्टर्स समिट में भी लाखों करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त होने का दावा तत्कालीन सरकार करती आई है, लेकिन इनमें से जमीन पर उतरे निवेश और सृजित हुए रोजगार को लेकर सरकार अपने दावों पर खरा नहीं उतरी है। पूर्व की सरकारों के आंकड़ों पर नजर डालें तो आधा दर्जन समिट में मिले कुल निवेश प्रस्तावों में से सिर्फ 10 प्रतिशत ही मूर्त रूप ले सके हैं। यही वजह है कि सरकार का इस बात पर पूरा जोर है कि समिट में हुए एमओयू और प्राप्त निवेश प्रस्ताव हकीकत में जमीन पर आएं, न कि कागजों पर रहे।