दैनिक अवंतिका उज्जैन।
भगवान महाकाल शनिवार को एक साथ चांदी के पंच मुखौटों में सजकर दर्शन देंगे। यह संयोग साल में एक बार ही बनता है जब महाकाल के पांच रूपों के दर्शन एक साथ भक्तों को होते हैं।
महाकाल मंदिर के पुजारी प्रदीप गुरु ने बताया कि भगवान महाकाल के चांदी के अनेक प्रकार के मुखारविंद है जो सवारी में रथों पर भी निकलते हैं तथा शिव नवरात्रि में भी सजकर दिव्य दर्शन देते हैं। ये मुखारविंद एक साथ पांच रूपों में भगवान महाकाल को पहनाए जाते हैं। यह अवसर 1 मार्च को बन रहा है। शिव नवरात्रि व महाशिवरात्रि पर्व निपटने के बाद यह दर्शन होते हैं।
इन रूपों के एक साथ
दर्शन कर सकेंगे भक्त
फाल्गुन शुक्ल की दूज पर भगवान महाकाल भक्तों को गर्भगृह के अंदर छबीना, मनमहेश, होल्कर, उमा-महेश, शिवतांडव रूप में सजकर दर्शन देंगे। ऐसी मान्यता है कि जो श्रद्धालु शिवनवरात्रि के दौरान प्रतिदिन मंदिर जाकर महाकाल के इन रूपों के अलग-अलग दर्शन नहीं कर पाते वे इस एक ही दिन में इन सारे रूपों के दर्शन कर सकते हैं।