दैनिक अवंतिका उज्जैन।
महाकाल लोक में नई मूर्तियों का काम तेजी से चल रहा है। इसके लिए उड़ीसा व गुजरात के कलाकार यहां आए हुए है जो दिन रात फाइबर की मूर्तियों का काम कर रहे हैं। जल्द यहां लगी मूर्तियां बदली जाएगी। अब इन सभी मूर्तियों के नीचे क्यूआर कोड होगा जिससे पौराणिक कथाओं का वर्णन लोग जान सकेंगे, साथ ही ऑडियो गाइड भी उपलब्ध होगा।
मूर्तियों के नीचे लगे क्यूआर कोड को स्कैन कर श्रद्धालु कथाओं को ऑडियो के माध्यम से सुन सकेंगे। फरवरी के पहले हफ्ते में अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा ने महाकाल मंदिर में चल रहे निर्माण कार्यों के साथ मूर्तियों का काम भी देखा था। उन्होंने महाकाल लोक में लगने वाली इन मूर्तियों को लेकर आदेश दिए थे कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सभी मूर्तियों के नीचे पौराणिक कथाओं का वर्णन किया जाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर 2022 को उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर के नए परिसर महाकाल लोक का लोकार्पण किया था।
महाकाल लोक के लिए बन
रही नई मूर्तियां ऐसी होंगी
– राजस्थान के बंशी पहाड़पुर के लाल पत्थर से मूर्तियां बन रही।
– प्रत्येक मूर्ति की ऊंचाई 15 फीट या इससे अधिक रहेगी।
– एक मूर्ति बनाने में लगभग 23 से 50 लाख रुपए का खर्च आएगा।
– पहले चरण में सप्त ऋषि व भगवान शिव की एक मूर्ति बन रही है।
– बाद में एक-एक कर सभी मूर्तियों को बदल दिया जाएगा।
वर्तमान में जो मूर्तियां लगी वे इस प्रकार की हैं
– महाकाल लोक में 11 करोड़ रुपये की लागत से 106 मूर्तियां लगाई थीं।
– ये मूर्तियां फाइबर रिइंफोर्सड प्लास्टिक से बनी थी।
– इनकी ऊंचाई 10 से 25 फीट तक थी।
2 साल पहले तेज आंधी
में गिर गई थी मूर्तियां
आपको बता दे कि साल 2023 में तेज आंधी तूफान व बारिश के दौरान महाकाल लोक में स्थापित सप्तऋषियों की 7 में से 6 मूर्तियां गिर गईं थी। 10 से 25 फीट ऊंची ये मूर्तियां लाल पत्थर और फाइबर रेनफोर्स प्लास्टिक से बनी थी। इन पर गुजरात की एमपी बाबरिया फर्म से जुड़े गुजरात, ओडिशा और राजस्थान के कलाकारों ने कारीगरी की थी।