इंदौर पुलिस की बड़ी कार्रवाई: दिल्ली में ‘फर्जी डिजिटल अरेस्ट’ गैंग का पर्दाफाश, गैंग के मास्टरमाइंड सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार

0

20,000 इंदौर के सीनियर सिटीजन पेंशन धारियों के डेटा सहित देशभर के लाखों बुजुर्गों की निजी जानकारी बरामद की

ब्रह्मास्त्र इंदौर

क्राइम ब्रांच इंदौर ने देशभर में आॅनलाइन ठगी को अंजाम देने वाले ‘फर्जी डिजिटल अरेस्ट’ गैंग के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए दिल्ली स्थित उनके ‘डार्क रूम’ आॅपरेशन का भंडाफोड़ किया है। गैंग के सदस्य आईएमईआई क्लोनिंग, सैकड़ों फर्जी सिमकार्ड, वायरलेस फोन और नेटवर्क बूस्टर का इस्तेमाल कर 2019 से अब तक सैकड़ों वारदातों को अंजाम दे चुके थे। इस कार्रवाई में गैंग के मास्टरमाइंड सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से 20,000 इंदौर के सीनियर सिटीजन पेंशन धारियों के डेटा सहित देशभर के लाखों बुजुर्गों की निजी जानकारी बरामद की गई है। ये गैंग सीनियर सिटीजन को फर्जी सरकारी अधिकारी बनकर डरा-धमकाकर करोड़ों रुपये की ठगी कर चुका था।

कैसे फंसा गैंग, इंदौर पुलिस तक कैसे पहुंची जानकारी?
इंदौर की 65 वर्षीय महिला ने एनसीआरपी पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई कि उनके साथ 46 लाख रुपये की आॅनलाइन ठगी हुई है। उन्होंने बताया कि 11 सितंबर 2024 को उन्हें व्हाट्सएप कॉल आया, जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को टेलीकॉम रेग्युलेशन अथॉरिटी आॅफ इंडिया का अधिकारी बताया और कहा कि उनके नाम पर अवैध गतिविधियों में इस्तेमाल की जा रही एक सिम रजिस्टर्ड है, जिसके चलते उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई है। इसके बाद महिला को सीबीआई अधिकारी बनकर एक और कॉल आया, जिसमें कहा गया कि उनके आधार कार्ड से जुड़ा एक पार्सल कंबोडिया भेजा गया था, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग और ड्रग्स तस्करी का पैसा शामिल था। आरोपियों ने धमकी दी कि अगर वे अपनी पूरी बैंक डिटेल्स नहीं देंगी, तो उन्हें और उनके परिवार को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। डर के मारे महिला ने 13 सितंबर को आरोपियों द्वारा बताए गए बैंक खातों में 46 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।

कैसे पुलिस ने गैंग तक पहुंच बनाई?
फरियादी की शिकायत के आधार पर क्राइम ब्रांच इंदौर ने आॅनलाइन ट्रांजैक्शन को ट्रैक किया और पता चला कि यह ठगी उत्तर प्रदेश और दिल्ली से आॅपरेट हो रही थी। पुलिस ने पहले उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले से फलाह दारेन मदरसा समिति के प्रबंधक अली अहमद खान और सह-प्रबंधक असद अहमद खान को गिरफ्तार किया, जो आॅनलाइन ठगी के लिए अपने मदरसे के बैंक अकाउंट को 50% कमीशन पर उपलब्ध कराते थे। इसके बाद पुलिस की टीम दिल्ली पहुंची, जहां गैंग के मुख्य ठिकाने की पहचान के लिए 5 दिन तक रेकी की गई। अलग-अलग टीमों ने चाय की दुकान, रिचार्ज केंद्रों और स्थानीय संस्थानों में घुसकर जॉब इंटरव्यू के बहाने खुफिया जानकारी जुटाई। इसके बाद पटेल नगर, दिल्ली में एक संदिग्ध ‘डार्क रूम’ की पहचान हुई, जहां से फर्जी कॉलिंग आॅपरेशन चलाया जा रहा था। यहां छापा मारकर पुलिस ने मुख्य आरोपी ऋतिक कुमार जाटव (22) को गिरफ्तार कर लिया।

गैंग का काम
करने का तरीका
ल्ल यह ठग गिरोह लोगों को कॉल करके शासकीय अधिकारी, टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी आॅफ इंडिया, कस्टम डिपार्टमेंट या पीएफआरडीए (पेंशन फंड रेगुलेटरी अथॉरिटी) का अधिकारी बनकर उनसे बात करता था।
ल्ल पहले डराने के लिए झूठे सरकारी केस की धमकी दी जाती थी।
ल्ल फिर फर्जी एफआईआर और अन्य कूटरचित दस्तावेज भेजकर पीड़ित को मानसिक रूप से दबाव में रखा जाता था।
ल्ल इसके बाद कहा जाता कि केस खत्म करने के लिए तुरंत पैसा ट्रांसफर करें।
ल्ल पीड़ित से कहा जाता कि वह किसी से बात न करें और हर 10 मिनट में अपडेट दें।

बरामद सामग्री
पुलिस ने आरोपियों के ठिकाने से भारी मात्रा में तकनीकी उपकरण जब्त किए, जिनमें 7 जीएसएम वायरलेस फोन (छंल्ल२ँ४ङ्म७्रल्लॅ और इीी३ी’ कंपनी के) लोगों से बात करने के लिए स्क्रिप्टेड स्पीच की 10 डायरी देशभर के फर्जी वीआई सिमकार्ड के 3 रजिस्टर 1 मॉनिटर, 1 प्रिंटर 7 की-पैड फोन (सिम एक्टिवेशन के लिए इस्तेमाल होते थे) 1 नेटवर्क बूस्टर डिवाइस (कॉलिंग में बाधा न हो, इसके लिए इस्तेमाल किया जाता था) शामिल हैं।

गैंग की अब तक की ठगी
ल्ल 2019 से अब तक हजारों लोगों को ठगा।
ल्ल 500 से ज्यादा श्क कंपनी के सिम कार्ड से ठगी की गई।
ल्ल करीब 3,000 सिम कार्ड का उपयोग कर देशभर में लोगों से करोड़ों रुपये ऐंठे।
ल्ल 20,000 इंदौर के सीनियर सिटीजन पेंशन धारियों का डेटा बरामद हुआ।
ल्ल गैंग के बैंक खातों में करोड़ों के ट्रांजैक्शन पाए गए।
तकनीकी जांच में बड़ा खुलासा
पुलिस की जांच में पाया गया कि गैंग कटएक क्लोनिंग कर रहा था, यानी विभिन्न कंपनियों के दर्जनों मोबाइलों में एक ही आईएमईआई नंबर इस्तेमाल हो रहा था। इंदौर पुलिस ने आरोपी को रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू कर दी है, और अन्य सदस्यों की तलाश जारी है। इस गैंग से जुड़े और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *