विधायकों द्वारा सड़कों के लिए मांग की जा रही है, लेकिन बजट का रोड़ा आड़े आ रहा

उज्जैन। सूबे के साथ ही जिले की यदि बात करें तो यहां के विधायकों ने भले ही अपने इलाकों में सड़कों के निर्माण का ऐलान कर रखा हो लेकिन इस ऐलान को पूरा करने में बजट का रोड़ा आड़े आ रहा है। दरअसल विधायकों द्वारा अपने इलाकों में सड़कों के निर्माण के लिए तो घोषणाएं की गई है परंतु बताया जा रहा है कि सरकार के पास ही सड़क निर्माण के लिए बजट नहीं है लिहाजा विधायकों का ऐलान अधर में लटके हुए है।
भोपाल से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार के खजाने की स्थिति अच्छी नहीं है, लिहाजा मूलभूत सुविधाओं में शामिल सडक़ों पर भी इसका असर पड़ रहा  है। हालत यह है कि जनता तो ठीक मंत्रियों और विधायकों द्वारा अपने -अपने इलाकों में मांगी जा रहीं सडक़ों के लिए भी बजट नहीं मिल पा रहा है। यह बात अलग है कि प्रदेश में जनता की जगह मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायकों की डिमांड तथा घोषणाओं पर ही सड़कें बनाई जाती है। इसमें भी बजट का रोड़ा आड़े आ रहा है। इसका उदाहरण प्रथम अनुपूरक बजट है।

इस बजट में नेताओं ने 44 अरब 45 करोड़ की लागत वाली 550 सड़कों के निर्माण की डिमांड की थी , लेकिन बजट में केवल दस अरब 50 करोड़ रुपए ही मिल सके। अब वित्तीय वर्ष समाप्त होने को है और तृतीय अनुपूरक में फिर पैसे मांगने की तैयारी की जा रही है।  वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट से काम कराने के लिए विधायकों, मंत्री, सांसद और सीएम द्वारा की गई घोषणाओं पर 491 सड़कों का निर्माण 46 अरब 40 करोड़ में किया जाना है। इससे 3,427 किमी में  सड़कों का निर्माण कराया जाना है। लेकिन बजट के बराबर अनुपूरक बजट में भी डिमांड की भरमार सामने आई है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस दौरान 40 सडक़ों की घोषणा की। 308 किमी लंबी इन सडक़ों के निर्माण पर 12 अरब 27 करोड़ रुपए खर्च किए जाने हैं। वैसे सीएम घोषणाओं का 70 से 80 प्रतिशत काम पूरा कराया जा चुका है। लेकिन 550 सड़कों के निर्माण पर खर्च होने वाली 44 अरब 45 करोड़ की राशि की व्यवस्था पीडब्ल्यूडी विभाग नहीं कर पा रहा है। ईएनसी केपीएस राणा के मुताबिक, अनुपूरक  बजट में ही उसे एक हजार करोड़ रुपए मिले, जिससे काम पूरा होना संभव नहीं है।   सरकार द्वारा मुख्य बजट में सड़कों के काम के लिए 4,640 करोड़ का प्रावधान किया गया है और अनुपूरक बजट में डिमांड के हिसाब से बजट नहीं मिल सका। जिसके चलते तृतीय अनुपूरक में भी सड़कों पर राशि खर्च करने प्रावधान किया जाएगा। वैसे 31 मार्च तक ही पीडब्ल्यूडी सभी अनुशंसाओं पर काम करा पाएगा, जबकि कई काम पिछले साल 2023-24 में मंजूर होने के बाद भी आज तक शुरू नहीं कराए जा सके है। यह काम राजनीति में उलझ गया है।

Author: Dainik Awantika