30 मार्च से शुरू होगी चैत्र नवरात्रि, तिथि का क्षय होने से 8 दिन की नवरात्रि

 

देवी मंदिरों में होंगे विभिन्न आयोजन, भक्तों का लगेगा तांता

उज्जैन। चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 30 मार्च से होगी। इस अवसर पर जहां देवी मंदिरों में भक्तों का तांता लगेगा तो वहीं विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान  भी होगे। ज्योतिषियों के अनुसार चैत्र नवरात्रि इस बार आठ दिनों की होगी।

महापर्व के दौरान चार दिन रवियोग तथा तीन दिन सर्वार्थसिद्धि योग का संयोग रहेगा। साधना, आराधना की दृष्टि से यह योग बेहद महत्वपूर्ण है। इन योगों में की गई साधना साधक, आराधक को शुभ व मनोवांछित फल प्रदान करती है। ज्योतिषाचार्य पं. अमर डिब्बावाला ने बताया चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर 30 मार्च को रविवार के दिन वासंती नवरात्र का आरंभ होगा। इस दिन रेवती नक्षत्र, बव करण तथा मनी राशि उपरांत मेष राशि का चंद्रमा रहेगा। पंचांग के इन पांच अंगों की मौजूदगी में घट स्थापना का अनुक्रम रहेगा। रेवती पंचक का नक्षत्र है, ऐसे में नवरात्र में की गई देवी की साधना, आराधना पांच गुना शुभ फल प्रदान करेगी। इस बार नवरात्र का आरंभ और रेवती नक्षत्र में होने से यह विशेष फल प्रदान करेगी क्योंकि रेवती नक्षत्र पंचक का पांचवां नक्षत्र माना जाता है। पांचवां नक्षत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से आरंभ होता है, तो विशेष कल्याणकारी माना गया है। अलग-अलग प्रकार के धर्म ग्रंथो में विशेष कर मुहूर्त चिंतामणि में इसका उल्लेख दिया गया है। इस दृष्टि से भी नवरात्र के दौरान की गई साधना विशेष फल प्रदान करेगी।

तिथि का क्षय होने से 8 दिन की नवरात्रि

इस बार नवरात्र आठ दिनों के रहेंगे। अलग-अलग पंचांगों में तिथि को लेकर के अलग-अलग प्रकार की गणना में बताया गया है। कुछ पंचांगों में तृतीया, कुछ पंचांग में द्वितीया तथा कुछ पंचांग में तृतीया व चतुर्थी संयुक्त दी गई है। इस दृष्टि से गणना का अलग-अलग प्रभाव दिया गया है।

Author: Dainik Awantika