उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर की सालाना आय करीब 168 करोड़ रूपए है और ये आय उन पांच मंदिरों से सर्वाधिक है जिसकी आय की गणना की गई है। गौरतलब है कि अन्य ये पांच मंदिर भी प्रदेश के ही है और इन सभी मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता हर दिन ही लगा रहता है।
बता दें कि 24 फरवरी को बागेश्वर धाम के पीठाधीश आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने कन्या सामूहिक विवाह कार्यक्रम के दौरान कहा था कि भारत के मंदिरों की दान पेटियों को गरीबों की बेटियों के लिए खोल देना चाहिए। अगर ऐसा किया तो भारत को विश्व गुरु बनने से कोई नहीं रोक सकता। पंडित शास्त्री के इस सुझाव के बाद ने मध्यप्रदेश के 6 बड़े मंदिर महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, सलकनपुर, मैहर, पीतांबरा पीठ और खजराना गणेश मंदिर को दान से मिलने वाली आय और इनके खर्च का ब्यौरा जुटाया गया है। अगर प्रदेश के आधा दर्जन बड़े मंदिरों की बात की जाए तो उनकी हर साल होने वाली आय करीब ढाई अरब रुपए के आसपास है। यह आय प्रदेश के करीब छह विभागों के बजट से भी अधिक होती है। मंदिरों के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश के इन छहों मंदिरों की आय 247 करोड़ रुपए सामने आयी है। इनमें उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर की सालाना आय 168 करोड़ रुपए के करीब है। ये आय बाकी के 5 मंदिरों से सर्वाधिक है।
हर दिन आता है सोने चांदी का दान
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि महाकाल मंदिर में अमूमन हर दिन ही सोने चांदी का दान भक्तों द्वारा दिया जाता है और इसके अलावा नकदी दान देने वालों की भी कमी मंदिर में नहीं है। अर्थात हर दिन ही मंदिर में किसी न किसी रूप से दान आता है। इसके अलावा मंदिर की दान पेटियों में भी सुबह से लेकर रात तक भक्तों द्वारा चढ़ावा चढ़ाया जाता है।