परिवारवाद : एमपी के मंत्री की पीएम मोदी को चुनौती
कई नेताओं के बच्चे पार्टी में फुलटाइम काम कर रहे, इन्हें भी टिकट मिले
ब्रह्मास्त्र भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीजेपी में परिवारवाद को लेकर अपना रुख स्पष्ट कर चुके हैं। लेकिन, शिवराज सरकार में मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने परिवारवाद की नई परिभाषा दी है। भोपाल में मीडिया से चर्चा करते हुए सकलेचा ने कहा- परिवारवाद पर पीएम मोदी का अर्थ बहुत सिंपल है। जिसके परिवार से कोई राजनीति में पिछले 5-7 साल से एक्टिव ना हो, जमीन पर कोई काम नहीं किया है, सीधे उसको अवसर नहीं दिया जाए। उन्होंने कहा कि कई नेताओं के बच्चे पार्टी में फुलटाइम काम कर रहे हैं, तो क्या आप इसीलिए नाम काटना चाहते हैं। जैसे गोपाल भार्गव का बच्चा हो, चाहे नरोत्तम मिश्रा का हो, नरेंद्र सिंह तोमर का हो या कैलाश विजयवर्गीय का हो, सालों से इनके बच्चे काम कर रहे हैं। जो रुटीन में काम करें, उन्हें काम करने का अवसर मिले। उनका भी अधिकार है सामान्य सिटीजन की तरह। सकलेचा पूर्व सीएम वीरेंद्र कुमार सकलेचा के बेटे हैं।
कांग्रेस बोली- यह पीएम मोदी को चुनौती
मंत्री सकलेचा के बयान पर कांग्रेस ने तंज कसा है। कांग्रेस मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा कि परिवारवाद की परिभाषा मध्यप्रदेश में बीजेपी अपने हिसाब से गढ़ रही है और मोदी जी को खुली चुनौती दे रही है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे और शिवराज सरकार के वर्तमान मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा मोदी के परिवारवाद के निर्णय को खुली चुनौती दे रहे हैं। इनके मुताबिक नरेंद्र सिंह तोमर, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, पीडबलूडी मंत्री गोपाल भार्गव, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र परिवारवाद की श्रेणी में नहीं आते, तो क्या फिर स्व। नंदू भैया, प्रभात झा, शिवराज जी के पुत्र ही परिवारवाद की श्रेणी में आते हैं?
परिवारवाद पर पीएम मोदी ने यह कहा था
उत्तरप्रदेश समेत चार राज्यों में बीजेपी की सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पार्टी में परिवारवाद को लेकर अपना रुख स्पष्ट कर चुके हैं। मोदी ने भाजपा संसदीय दल की मीटिंग में सांसदों से कहा था कि अगर विधानसभा चुनाव में आपके बच्चों के टिकट कटे हैं, तो उसकी वजह मैं हूं। मेरा मानना है कि वंशवाद लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है। पीएम ने कहा था कि परिवारवाद से जातिवाद को बढ़ावा मिलता है। पार्टी में पारिवारिक राजनीति की इजाजत नहीं दी जाएगी। दूसरी पार्टियों की वंशवाद की राजनीति के खिलाफ लड़ाई लड़ी जाएगी।