खुसूर-फुसूर ये आनलाईन तो आफलाईन से भी बदतर !

खुसूर-फुसूर

ये आनलाईन तो आफलाईन से भी बदतर !

आधुनिकता के साथ प्रशासन में आमजन के कार्यों में सहुलियतें बढना चाहिए और कार्यों की समयावधि निश्चित होना चाहिए। इसको लेकर प्रदेश के प्रशासनिक मुखिया ने आनलाईन वर्किंग को प्राथमिकता देते हुए इसी पर काम के लिए प्रदेश भर के जिला कार्यालयों में शुरूआत करवा दी है। पिछले महीने से शुरू हुई इस कार्यप्रणाली में और बदतर हाल कर्मचारियों ने बना दिए हैं। छोटे मोटे आवेदन को लेकर भी अब पोर्टल,सर्वर और लिंक जैसे शब्द कर्मचारियों ने रट लिए हैं। कागजी आवेदन पर काम नहीं किए जा रहे हैं। आम आदमी को तत्काल राहत देने की बजाय उसे आनलाईन में घुमाया जा रहा है। बाबू राज की कायमी इससे बनने लगी है। जिस पोर्टल,सर्वर , लिंक के नाम से बचा जा रहा है । वहीं काम लाभ शुभ के हालात बनते ही सब व्यवस्थित हो रहा है। तत्काल ही काम करने में कोई परेशानी सामने नहीं आ रही है। सब खटाखट हो रहा है। आम आदमी यह सब देखकर हैरान हो रहा है कि आनलाईन में बैंक में काम बढिया हो गया लेकिन आफिसों में काम उलझन भरा क्यों हो गया। खुसूर-फुसूर है कि प्रशासन अपने कर्मचारियों को तकनीकी प्रशिक्षण देता है ओर उन्हें अपग्रेड करते हुए उन्हें वेतन भी देता है। आम आदमी तमाम टैक्स देता है उस टेक्स से सरकार और प्रशासन चलता है फिर आम आदमी को आधुनिक व्यवस्था से जोडने के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था भी होना चाहिए। 

Author: Dainik Awantika