उज्जैन / विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन की हिंदी अध्ययनशाला एवं ललित कला अध्ययनशाला के संयुक्त तत्वावधान में विश्व गौरेया दिवस पर विशिष्ट व्याख्यान एवं काव्यपाठ सत्र का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि वरिष्ठ कवयित्री डॉ स्नेहलता श्रीवास्तव इंदौर थीं। अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा ने की। कार्यक्रम में प्रो गीता नायक, प्रो जगदीश चंद्र शर्मा एवं डॉ अरुणा दुबे ने भी विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम में प्रो. स्नेहलता श्रीवास्तव, इंदौर ने गौरेया पर केंद्रित अपनी सरस कविता सुनाई। उन्होंने अपनी कविता गोरैया का सवाल की शुरुआत इन पंक्तियों से की, मैं गोरैया हूँ, सदा से रही हूँ। तुम्हारे आँगन की मेहमान, खिड़कियों की हमराज़, बालकनी की चहचहाहट। कविता के अंत में उन्होंने परिवेश के बदलने के आह्वान के साथ गौरेया के लौटने का संकेत दिया, पर मैं अभी भी लौटना चाहती हूँ। तुम बुलाओ न, मैं फिर भी लौट आऊँगी, बस एक पेड़ लगा दो, एक सकोरे में पानी रख दो, थोड़े दाने डाल दो छत पर, फिर देखना, मैं फिर गाऊँगी तुम्हारी खुशियों के गीत।
विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक एवं विभागाध्यक्ष प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा ने अपने वक्तव्य में कहा कि गोरैया की विलुप्ति गहरे पर्यावरणीय संकट की ओर इशारा कर रही है। पारिस्थिकीय तंत्र को बनाए रखने के लिए गौरेया एवं अन्य छोटे पक्षियों की वापसी जरूरी है। नई पीढ़ी को उनके लिए प्राकृतिक वास स्थान, जल और अन्न की व्यवस्था के लिए संकल्प लेना होगा। युवा पीढ़ी को फिर से गौरैया की संख्या को बढ़ाने के लिए पर्यावरण अनुकूलित परिवेश बनाना होगा। बढ़ते शहरीकरण, कीटनाशकों के प्रयोग, कटते पेडों और मोबाइल टॉवर के रेडिएशन से अनेक प्रजातियों के पक्षियों के सामने जीवन का संकट आ गया है।
प्रो गीता नायक, प्रो जगदीश चंद्र शर्मा एवं डॉ. अपर्णा दुबे ने अपने वक्तव्य में गौरैया के अस्तित्व पर मंडराते संकट पर बात की।
इस अवसर पर डॉ स्नेहलता श्रीवास्तव को अंग वस्त्र एवं साहित्य भेंट कर उनका सारस्वत सम्मान किया गया। कार्यक्रम में गौरेया एवं छोटे पक्षियों के लिए मिट्टी से निर्मित पात्र में जल संचित विद्यार्थियों को अर्पित किया गया। कार्यक्रम में कला गुरु डॉ लक्ष्मीनारायण सिंहरोड़िया, डॉ महिमा मरमट आदि सहित बड़ी संख्या में शोधकर्ता और विद्यार्थियों ने भाग लिया।
संचालन शोधार्थी पूजा परमार ने किया और आभार प्रो. गीता नायक ने प्रदर्शित किया।