ब्रह्मास्त्र उज्जैन
सिद्ध योगियों की पावन धरा बाबा महाकालेश्वर की नगरी कई अद्भुत गुप्त रहस्य समेटे हुए हैं। यहां पग पग पर देवी-देवताओं के विग्रह हैं तो शहर के आसपास के क्षेत्र भी रोमांच से भरपूर हैं।
शहर से लगभग 35 किलोमीटर दूर ग्राम दंगवाड़ा के बोरेश्वर महादेव बहुत ही अलौकिक हैं। बड़नगर रोड पर इंगोरिया चौपाटी से महज 8 किलोमीटर दूर स्थित है बोरेश्वर महादेव का अति प्राचीन मंदिर। नैसर्गिक छटा के मध्य स्थित इस मंदिर मे शिवलिंग का रूप बाकी सभी शिवलिंग से अलग हटकर है। ये शिवलिंग बोर फल की आकृति का है अत: कहलाया बोरेश्वर महादेव।
ल्ल स्वयंभू शिवलिंग- मंदिर के पुजारी पं जगदीशचन्द्रजी ने जानकारी देते हुए बताया कि ये शिवलिंग स्वयं इस स्थान पर प्रकट हुआ इसलिए ये अति प्राचीन है। अनुमान है कि ये ताम्र- पाषाण कालीन है क्योंकि आसपास खुदाई मे तांबे के सिक्के व औजार मिले थे।
ल्ल बारह ज्योतिर्लिंग का समावेश – इस बोर की आकृतिवाले शिवलिंग मे पूरे बारह शिवलिंग का समावेश है अत: ये सनातन धर्मवालो के लिए बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। बोरेश्वर महादेव के दर्शन मात्र से पूरे बारह ज्योतिर्लिंग के दर्शन का पुण्य मिलता है।
ल्ल जलाधारी के जल का स्तर एकसमान- बोरेश्वर महादेव की विशेषता ये है कि इस शिवलिंग की जो जलाधारी है उसमे अभिषेक का जल लगातार भक्त अर्पित करते हैं किन्तु न तो जल का स्तर बढता है और न ही कम होता है। ये जलस्तर सदैव एकसमान बना रहता है ये एक चमत्कार ही है।
ल्ल सिक्का जाता है नदी में- बोरेश्वर महादेव के शिवलिंग के पास ही एक छोटा सा सूराख है जिसमे श्रद्धालु सिक्का अर्पित करते हैं जो लुप्त हो जाता है। जनश्रुति है कि ये सिक्का नदी मे चला जाता है।
ल्ल सोम सूत्र का उल्लंघन नही करती चंबल- मंदिर के समीप ही चंबल नदी कलकल बहती है जो शिवलिंग का आधा परिक्रमा करती है। नदी की धारा बोरेश्वर महादेव के तीन ओर बहती हुई आगे निकल रही है। पंडित शर्मा ने बताया कि नदी महादेव के सोमसूत्र का उल्लंघन नही कर रही है। ये एक प्राकृतिक रहस्य ही है।
ल्ल जय -विजय द्वारपाल- बोरेश्वर महादेव के मुख्य द्वार की एक तरफ जय व दूसरी तरफ विजय की मूर्ति हैं जो आकर्षण का केन्द्र हैं।
परिसर मे देवियों के विभिन्न विग्रह
मुख्य मंदिर के प्रांगण मे विभिन्न देवियां विराजमान है। इनमे प्रमुख हैं भूखीमाता, लालबाई- फूलबाई, अम्बे माताजी, कालिकादेवी, आवरी देवी व अष्टदेवी। अष्टदेवी के बिल्कुल बीच मे सिद्धिविनायक की प्राचीन मूर्ति विराजमान है।
ल्ल सावन मे छटा निराली- वैसे तो वर्षभर दूर दूर से दर्शनार्थी दंगवाड़ा आते रहते हैं पर सावन माह मे बोरेश्वर महादेव की छटा निराली रहती है।
ल्ल सुन्दर मनोरम पिकनिक स्पॉट- मंदिर के चहुंओर का प्राकृतिक दृश्य बड़ा ही मनोरम है। ये स्थल एक लोकप्रिय पिकनिक स्पाट का रूप ले रहा है। उज्जैन से यहां तक स्वयं के वाहन या टैक्सी से पहुंचा जा सकता है। बाबा महाकाल के दर्शन के उपरांत निकट का एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है बोरेश्वर मंदिर।