तुम बहुत खूबसूरत हो के शब्द जाल में उलझी इंदौर की नाबालिग
मिलने चली गई बांसवाड़ा, बेचने के लिए बना रखा था बंधक
ब्रह्मास्त्र इंदौर। विजयनगर थाना क्षेत्र में रहने वाली दसवीं की छात्रा सोशल मीडिया के माध्यम से मानव तस्करों के जाल में फंस गई। आरोपी ने उससे दोस्ती कर उसकी खूबसूरती की तारीफ की और उसे मिलने बांसवाड़ा बुलाया। आरोपी की बातों में उलझकर नाबालिग इंदौर से 225 किलोमीटर दूर बांसवाड़ा जा पहुंची। जहां आरोपी ने नाबालिग को बंधक बनाकर रखा था। आरोपी उसे बेचने की फिराक में था। पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर नाबालिग को बरामद कर आरोपी को गिरफ्तार किया।
थाना प्रभारी तहजीब काजी के अनुसार दसवीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा इंदौर में अपनी बहन और जीजा के साथ रहती है। पिता की मौत के बाद वह पढ़ाई के साथ-साथ बेबी सिटर का काम भी करती है। दो दिन पूर्व वह बिना बताए घर से कहीं चली गई। परिवार द्वारा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। पुलिस द्वारा मोबाइल लोकेशन के आधार पर नाबालिग की तलाश की। उसकी लोकेशन राजस्थान के बांसवाड़ा में मिली।
इंस्टाग्राम पर हुई थी दोस्ती
आरोपी नारायण उर्फ अजय कीर (19 ) ने पुलिस को बताया कि 6 माह पहले इंस्टाग्राम के माध्यम से नाबालिग से उसकी दोस्ती हुई थी। वह नाबालिग की खूबसूरती की हमेशा तारीफ किया करता था। इसके चलते लड़की उसके प्रेम जाल में फंस गई। आरोपी ने उसे अपने पास बांसवाड़ा राजस्थान बुला लिया। वहां पहुंचने पर आरोपी ने नाबालिग को अपने घर में बंदी बनाकर रखा हुआ था।
सीसीटीवी फुटेज से मिली मदद
परिवार द्वारा बताया गया कि नाबालिग घर से 1500 रुपए लेकर निकली है। पुलिस ने इलाके के कई सीसीटीवी खंगाले। जिसमें नाबालिग छात्रा पहले विजय नगर चौराहे तक आई और उसकी आखिरी लोकेशन गीता भवन स्थित एआईसीटीएसएल बस स्टैंड मिली। जहां पर वह राजस्थान की बस में बैठते हुए दिखाई दी।
छत से कूद कर भागा
छात्र के मोबाइल की आखिरी लोकेशन बांसवाड़ा के गांव परतापुर में मिली थी। जब टीम ने आरोपी नारायण का दरवाजा खटखटाया तो वह छत से कूदकर भाग निकला। इलाके में कई कंजर गिरोह भी रहते हैं। इस कारण से पुलिस को कई घरों की तलाशी लेनी पड़ी। नाबालिग छात्रा को आरोपी नारायण की मां और बहन के साथ दूसरे घर से पुलिस ने बरामद किया है।
मानव तस्करी का था शक
पुलिस के अनुसार राजस्थान में अमूमन शादी के लिए लड़कियां नहीं मिलती हैं। इस कारण से आरोपी ने उसे बहला कर शादी के लिए बुलाया था। यदि छात्रा को सही समय पर बरामद नहीं किया होता तो हो सकता था, उसे बेच भी दिया जाता।