इंदौर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मालवा प्रांत यानी इंदौर उज्जैन संभाग में संघ कार्य का विस्तार हुआ है। संघ के नेटवर्क के मजबूत होने का मतलब है कि इस क्षेत्र में कांग्रेस के लिए चुनौती प्रस्तुत हो गई है।
दरअसल, संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में जो रिपोर्टिंग हुई है रा उसके आधार पर कहा जा सकता है कि इंदौर और उज्जैन संभाग में संघ का नेटवर्क पिछले 1 वर्ष में और मजबूत हुआ है।
यह अत्यंत महत्वपूर्ण तीन दिवसीय बैठक 21, 22 एवं 23 मार्च 2025 को बैंगलुरु के निकट चेननहल्ली के जनसेवा विद्या केंद्र में संपन्न हुई। इस रिपोर्टिंग के अनुसार मालवा प्रांत में 3046 स्थानों पर 881 बाल एवं 150 महाविद्यालयीन विद्यार्थी शाखाओं सहित कुल 4636 शाखाएं लग रही हैं।
प्रांत में पिछले वर्ष की तुलना में 403 शाखाएं बढ़ी हैं। प्रांत में 1538 ग्रामों में साप्ताहिक मिलन तथा 1484 गांवों में मासिक मंडली चल रही हैं। मालवा प्रांत में शाखाओं के विस्तार के लिए 12170 ग्रामों में 9059 कार्यकर्ताओं ने सात दिन का समय विस्तारक के रूप में दिया।
जहां उन्होंने चौपाल बैठकें लीं और शाखा व साप्ताहिक मिलन आरंभ किये। इसी तरह शिक्षा, चिकित्सा, सामाजिक जागरण से
स्वावलंबन और संबंधित प्रकल्प संघ द्वारा चलाए जा रहे हैं।
सेवा भारती तथा स्वयंसेवकों द्वारा प्रांत की 1241 में से 615 सेवा बस्तियों में शिक्षा, संस्कार, स्वावलंबन के सेवा कार्य चल रहे हैं। इसके अतिरिक्त प्रांत में मातृछाया, स्वास्थ्य, छात्रावास, कौशल विकास व शिक्षण के बडे प्रकल्प भी संचालित हो रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के अंतर्गत मालवा प्रांत ने प्रयागराज कुंभ को थर्मोकोल प्लेट या पॉलीथिन बैग मुक्त बनाने के लिए अनेक संगठनों के सहयोग से च्च्एक थाली-एक थैला अभियानज्ज् चलाया।
कार्यकर्ताओं ने 2241 संस्थाओं के सहयोग से 7258 केंद्रों पर कुल 14,17,064 प्लेटें और 13,46,128 थैले एकत्रित किए, जिन्हें कुम्भ के विभिन्न पंडालों में वितरित किया गया। इस वर्ष विजयादशमी के दिन संघ के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं।
यह वर्ष संघ कार्य के विस्तार तथा सुदृढ़ीकरण पर केंद्रित होगा। संघ का उद्देश्य इस उपलब्धि का उत्सव मनाना नहीं है, बल्कि आत्मचिंतन करना, संघ कार्य के लिए समाज द्वारा दिए समर्थन के लिए आभार प्रकट करना तथा राष्ट्र के लिए तथा समाज को संगठित करने के लिए स्वयं को पुनः समर्पित करना है।
शताब्दी वर्ष की शुरुआत विजयादशमी 2025 से होगी, जिसमें गणवेश में स्वयंसेवकों के मंडल, खंड/नगर स्तर के पथ संचलन का आयोजित किये जाएंगे। नवंबर 2025 से जनवरी 2026 तक तीन सप्ताह तक बड़े पैमाने पर घर-घर संपर्क अभियान के द्वारा संघ साहित्य वितरित किया जाएगा।
सभी मंडलों और बस्तियों में हिन्दू सम्मेलन आयोजित किए जायेंगे, जिसमें बिना किसी भेदभाव के प्रत्येक के जीवन में एकता और सद्भाव, राष्ट्र के विकास में सभी का योगदान और पंच परिवर्तन में प्रत्येक व्यक्ति की भागीदारी, का संदेश दिया जाएगा। खंड/नगर स्तर पर सामाजिक सद्भाव बैठकें आयोजित की जायेंगी, जिसमें एक साथ मिलकर रहने पर बल दिया जाएगा।
जिला स्तर पर प्रमुख नागरिक संवाद आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों में राष्ट्रीय विषयों पर सही विमर्श स्थापित करने और आज प्रचलित गलत विमर्श को दूर करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।