फर्जी बैंक गारंटी से शराब ठेकों का आवंटन

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ईओडब्लयू की जांच में खुलासे, तत्कालीन मैनेजर सहित 8 पर एफआईआर दर्ज

ब्रह्मास्त्र भोपाल

ईओडब्ल्यू ने रीवा जिले में फर्जी बैंक गारंटी के आधार पर शराब ठेकों के आवंटन का पदार्फाश कर दिया है। इस जांच में खुलासा हुआ कि शराब ठेकेदारों, जिला आबकारी कार्यालय और जिला सहकारी बैंक शाखा मोरबा की मिलीभगत से करोड़ों रुपए की हेराफेरी हुई है।
28 जून 2023 को शिकायतकर्ता एडवोकेट बी. के. माला द्वारा आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्लयू) में शिकायत दर्ज कराई गई, जिसके बाद जांच शुरू हुई। जांच में पता चला कि नियमों का उल्लंघन करते हुए शराब ठेकेदारों को फर्जी बैंक गारंटी के आधार पर लाइसेंस प्रदान किए गए। गुरुवार को इस मामले में बैंक अधिकारी, ठेकेदार सहित अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई।

एफआईआर में शामिल आरोपियों में
ल्ल नागेन्द्र सिंह- तत्कालीन प्रभारी शाखा प्रबंधक, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित, शाखा मोरबा (जिला सिंगरौली)
ल्ल नृपेंद्र सिंह- प्रो. मेसर्स मां लक्ष्मी इंटरप्राइजेज, बैकुण्ठपुर, नईगगढ़ी (देवतालाब शराब दुकान समूह)
ल्ल अजीत सिंह- प्रो. मेसर्स आशा इंटरप्राइजेज, इटौरा (शराब दुकान समूह)
ल्ल उपेन्द्र सिंह बघेल- मऊगंज (शराब दुकान समूह)
ल्ल आदित्य प्रताप सिंह- रायपुर (कर्चुलियान शराब दुकान समूह)
ल्ल विजय बहादुर सिंह- प्रो. मे. आर्याग्रुप, समान नाका (शराब दुकान समूह)
ल्ल अनिल जैन- तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी, जिला रीवा

जांच में सामने आए चौंकाने वाले खुलासे
ल्ल जिला सहकारी बैंक शाखा मोरबा (सिंगरौली) के तत्कालीन प्रभारी शाखा प्रबंधक नागेन्द्र सिंह ने 15 करोड़ 32 लाख 23 हजार 440 रुपए की 14 फर्जी बैंक गारंटी जारी की।
ल्ल इनमें से 9 गारंटी शराब ठेकेदारों को दी गईं, जिनका इस्तेमाल रीवा, सिंगरौली, उमरिया और सतना जिलों में शराब ठेकों के लाइसेंस प्राप्त करने के लिए किया गया।

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