गर्मी के तेवर बढ़ते ही सजने लगे मिट्टी के बर्तनों के बाजार, मिट्टी के इन उत्पादों की भरमार मिट्टी के बर्तनों की बढ़ रही है डिमांड बिक्री भी बढ़ी  मिट्टी से बनी पानी की बोतल, जग,मटके, दही जमाने का बर्तन, पक्षियों के लिए पानी का पात्र, केंपर सहित अन्य मिट्टी से बने उत्पादों की बिक्री हो रही 

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दैनिक अवंतिका उज्जैन। 

गर्मी ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैँ। ऐसे में तापमान बढ़ने के साथ ही मिट्टी के बर्तनों के बाजार सजने लगे हैं। शहर के बाजारों में जगह-जगह मिट्टी के बर्तन बिक रहे हैं। मटके से लेकर मिट्टी के जग खरीदने के लिए लोग बाजारों की ओर रुख करने लगे हैं।गर्मी में ठंडा पानी पीने के लिए मटका सबसे सस्ता और हर जगह उपलब्ध रहने वाला साधन है। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे मटकों की मांग भी बढ़ रही है। गर्मी को देखते हुए बड़े पैमाने पर मटके तैयार किए जा रहे हैं। जिनकी बिक्री भी जमकर हो रही है।

 मिट्टी से बनी पानी की बोतल, मिट्टी से बना जग, मटके, पक्षियों के लिए मिट्टी के पात्र, केंपर वहीं दही जमाने के लिए मिट्टी का पात्र सहित अन्य उत्पादों की बिक्री देखी जा रही है। फ्रीगंज तीन बत्ती चौराहे पर चारधाम मटका भंडार के नाम से दुकान लगाने वाले मटका व्यापारी दिलीप प्रजापति ने बताया कि युवा मिट्टी की बोतल को काफी अधिक पसंद कर रहे हैं। मिट्टी की पानी की बोतल की कीमत 120 रुपये से शुरू है। उन्होंने कहा कि मटका 120 से 500 रुपये तक का बिक रहा है।
वहीं, मिट़्टी के आकर्षक केंपर भी इस बार बाजार में आए हैं। इनकी कीमत 220 से 500 रुपये तक है। इसके अलावा गर्मी में दही की डिमांड अधिक रहती है। ऐसे में दही जमाने के लिए मिट्टी का बर्तन भी बनाकर तैयार किया गया है। इसकी कीमत 120 रुपए से लेकर 200 तक है। इस साल पिछले साल की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक कीमत बढ़ गई है। दुकानदार दिलीप प्रजापति ने बताया कि गर्मी के मौसम में मटकों की मांग बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि मटके का पानी पीने के शौकीन लोग ही मटके की खरीदी करते हैं।
मटके का पानी स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा,इसके पानी से ही प्यास बुझती है
दुकानदार ने कहा कि अभी तो गर्मी की शुरुआत है आगे गर्मियों में मटकों की मांग और अधिक बढ़ेगी।उनका कहना है कि तकनीकी दौर में मटके और मिट्टी के बर्तन बेचना मुश्किल हो रहा है, लेकिन कुछ लोग इस ओर लौट रहे हैं और हमारे मिट्टी के बर्तनों को पसंद कर रहे हैं। काफी लोग फ्रिज का पानी पीने से परहेज करते हैं वो मटका का पानी पसंद करते हैं। इंदौर रोड गुलमोहर कॉलोनी से खरीदारी करने आई महिला ममता नागर ने कहा कि मटके में रखा पानी ठंडा रहता है और व स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा रहता है।
इसके पानी से ही प्यास बुझती है। फ्रिज का पानी प्यास नहीं बुझा पाता।
मिट्टी से बने अन्य उत्पाद भी लोगों को लुभा रहे..
 बाजारों में इन दिनों मिट्टी के गिलास, बोतल, सुराही, दही जमाने के लिए बर्तन भी लोगों को लुभा रहे हैं। इसके साथ ही सजावट की विभिन्न वस्तुएं भी इन दुकानों पर उपलब्ध हैं। इनमें गमले, झालर, दीपक, गुल्लक, मूर्तियां, प्याले आदि शामिल हैं। दुकानदार प्रजापति ने बताया कि इन मिट्टी के बर्तनों को घर में सजावट के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है।
पक्षियों के लिए मिट्टी से बने पानी के पात्र की भी डिमांड बढ़ी
मटका व्यापारी प्रजापति ने बताया कि गर्मी में पक्षियों के लिए पीने का पानी भरकर रखने के लिए मिट्टी का बर्तन भी बनाकर तैयार किया गया है। जिसकी डिमांड भी अधिक है। बड़ी संख्या में लोग पक्षियों के लिए बनाया गया यह मिट्टी का पात्र खरीदकर ले जा रहे हैं। और अपने घर के बाहर व आसपास इस मिट्टी के बर्तन में पानी भरकर पक्षियों के लिए रख रहे हैं। ताकि कोई भी पक्षी गर्मी में पानी के लिए नहीं भटके। वही दैनिक अवंतिका परिवार भी सभी से अनुरोध करता है कि गर्मी में पक्षियों के लिए पात्र में पानी भरकर अवश्य रखें ताकि कोई भी पक्षी गर्मी में पानी के लिए नहीं तरसे।
 मिट्टी के बर्तनों का मूल्य…
मिट्टी की बोतल –
120 रुपए से लेकर200 रूपए तक
मिट्टी का जग –
180 रूपए से लेकर 200 रूपए तक
मटका –
120 रूपए से लेकर 500 रूपए तक
नल वाली मटकी –
220 रुपए से लेकर 500 रूपए तक
मिट्टी से बना पक्षियों का पात्र- 80 रूपए से लेकर 120 तक
दही जमाने का बर्तन –
120 रूपए से लेकर 200 रूपए तक

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