चैत्र अमावस्या पर सूर्य ग्रहण का सूतक नहीं लगेगा, दूसरा असर होगा – एक पखवाड़े में दो ग्रहण व ग्रहों की स्थिति का प्रभाव 4 माह तक रहेगा
दैनिक अवंतिका उज्जैन।
29 मार्च को चैत्र कृष्ण की अमावस्या पर साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। हालांकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए यहां इसका कोई असर नहीं होगा बल्कि सूतक भी नहीं लगेगा। पूजन-पाठ आदि भी सब होंगे। लेकिन एक पखवाड़े में दो ग्रहण लगने व ग्रहों की स्थिति अगले चार माह तक असर दिखाएंगे। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पंडित अमर डब्बावाला ने बताया कि 29 मार्च को लगने वाला सूर्य ग्रहण अफ्रीका, रूस और यूरोपीय आदि देशों में दिखेगा। भारत में ग्रहण दिखाई नहीं देने के कारण यहां सूतक नियम लागू नहीं होंगे। नव संवत्सर की पूर्व संध्या पर ग्रहण, 30 को शनि राशि बदलेंगेयह ग्रहण नए संवत्सर की पूर्व संध्या पर लगने जा रहा है। इसके अगले दिन 30 मार्च को शनि का राशि परिवर्तन अलग हो रहा है। शनि के मीन राशि में जाने से षष्ट ग्रह योग बनेंगे। इससे पहले होली पर 14 मार्च को खग्रास चंद्र ग्रहण लगा था। एक पखवाड़े में दो ग्रहण होना चिंताजनक स्थिति मानी जाती है। ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, जब एक राशि में चार-पांच ग्रह एक साथ आते हैं, तो यह स्थिति विश्व के लिए अशुभ मानी है।ग्रहण के असर आने वाले समय में देखने को मिलेंगे एक के बाद एक दो ग्रहण और षष्ट ग्रही योग के प्रभाव से प्राकृतिक आपदाओं और भूकंप जैसी घटनाओं में वृद्धि की संभावना बनेगी। यह प्रभाव आने वाले चार महीनों तक देखने को मिल सकता है। इस दौरान विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी।