चैत्र नवरात्रि की महाअष्टमी पर शनिवार को उज्जैन में दिनभर देवी की आराधना का दौर चलेगा। देश के 51 शक्तिपीठों में एक हरसिद्धि मंदिर में दोपहर 12 बजे सरकारी पूजा की जाएगी। वहीं हवन पूजन होगा तो नगर की समृद्धि के लिए निरंजनी अखाड़ा द्वारा नगर पूजा की जाएगी।
नवरात्रि में हरसिद्धि सहित उज्जैन के प्राचीन देवी मंदिरों में भक्तों का तांता लगा हुआ है। देर रात तक श्रद्धालु दर्शन के लिए मंदिरों में उमड़ रहे हैं। मां हरसिद्धि के दरबार में प्रतिदिन शाम को दीप मालिकाएं प्रज्वलित की जा रही हैं। उन्हें देखने के लिए गुजरात, राजस्थान से भी भक्त पहुंच रहे हैं। मंदिर के मुख्य पुजारी राजू गुरु गोस्वामी ने बताया कि चार नवरात्रि में चैत्र की नवरात्रि सबसे बड़ी मानी जाती है। महाअष्टमी पर मंदिर में हवन-पूजन होगा। नगर पूजा निरंजनी अखाड़ा सुबह 8 बजे चौबीस खंबा मंदिर से प्रारंभ करेगा।
40 मंदिरों में पूजा के बाद हांडी
फोड़ भैरव पर होगा समापन
अखाड़े के साधु-संत व भक्त पूजा में शामिल होकर देवी का पूजन अर्चन कर मंदिरा की धार भोग में चढ़ाएंगे। इसके बाद नगर पूजा ढोल व ध्वज के साथ रवाना होगी। नगर के 40 मंदिरों में यह नगर पूजा पहुंचेगी और पूजन किया जाएगा। 27 किलो मीटर लंबे मार्ग पर पूजन संपन्न होने के बाद रात में अंकपात के पास हांडीफोड़ भैरव मंदिर में इसका समापन होगा।
घरों में होगा महाष्टमी का पूजन
कन्या भोज कराएंगे जाएंगे
चैत्र नवरात्रि की महाष्टमी पर घरों में भी लोग परंपरा अनुसार कुलदेवी का पूजन करेंगे। पकवानों का भोग लगाएंगे। कन्या पूजन कर भोजन भी कराया जाएगा। नवरात्रि में महाष्टमी व महानवमी पर पूजन का खास महत्व होता है।