उज्जैन में मदार गेट की 115 दुकानों की गड़बड़ी सुलझने की कवायद शुरू
ब्रह्मास्त्र उज्जैन
लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी वक्फ बिल पास होने के हलचल शुरू हो गई है। मध्य प्रदेश में 15008 संपत्तियां वक्फ की है। इन संपत्तियों में से 90 फीसदी पर भूमाफियाओं का अवैध कब्जा है। अब बिल पास हो गया है। इस अवैध कब्जे को जल्द हटाया जाएगा और वक्फ की संपत्तियों का उपयोग स्कूल, अस्पताल और जरूरतमंद मुसलमानों के लिए होगा। उज्जैन, इंदौर, भोपाल, सागर और जबलपुर में जांच में वक्फ की संपत्ति पर भू माफिया का अवैध कब्जा है। उस पर जल्द कार्रवाई होगी।
उज्जैन के मदारगेट क्षेत्र में गड़बड़ी का एक बड़ा मामला पिछले जून माह में सामने आया था। जिसके तहत उज्जैन में कांग्रेस नेता रियाज खान को वक्फ बोर्ड ने 7 करोड़ रुपए की वसूली का नोटिस दिया।
बड़े राजस्व की वसूली होगी : सनवर
वक्फ बोर्ड के प्रदेश अध्यक्ष सनवर पटेल के अनुसार पूरे प्रदेश में वक्फ की संपत्ति से अब अवैध कब्जे धारी से अवैध कब्जा हटाकर पट्टेधारियों को दिया जाएगा जिससे वक्फ बोर्ड को बड़ा राजस्व प्राप्त होगा। वक्फ की 90 फीसदी संपत्ति पर आज भी अवैध कब्जे हैं। लोग अपनी संपत्ति वक्फ बोर्ड को इसलिए दान करते हैं ताकि उस संपत्ति का उपयोग परोपकार के कार्यों में हो। बावजूद इसके चंद लोग अपनी जेब भरने में लगे हुए हैं। देश की मोदी और प्रदेश की मोहन सरकार अब ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई करने जा रही है।
एफआईआर दर्ज हुई
मामले में एडिशनल एसपी नितेश भार्गव ने बताया कि मदार गेट क्षेत्र स्थित वक्त की संपत्ति को लेकर पूर्व में एक आवेदन आया था। आवेदन में तत्कालीन अध्यक्ष रियाज खान पर कई आरोप थे जिसमें मुख्य आरोप वक्फ की संपत्ति को लेकर अवैध वसूली का था। आवेदन को जांच में लिया गया और साक्ष्य संकलित कर एफआईआर दर्ज हुई है। मामले में यदि और भी कोई तथ्य आते हैं तो कार्रवाई की जाएगी।
ल्ल शिकायत के बाद रियाज के खिलाफ खाराकुआं थाने में एफआईआर भी दर्ज कर ली गई है। उन पर वक्फ बोर्ड की जमीन पर स्थित दुकानदारों से वसूली का आरोप है। रियाज खान युवक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं। वर्तमान में उज्जैन शहर कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष हैं।
ल्ल दरअसल रियाज खान पिछले 26 साल वक्फ बोर्ड उज्जैन में अध्यक्ष रहे। इस दौरान वक्फ बोर्ड की संपत्ति की देखरेख करते रहे। 24 अप्रैल 2024 को वक्फ बोर्ड भोपाल ने रियाज खान को नोटिस दिया। इसमें अवैध रूप से वर्ष 2006-07 से वर्ष 2022-23 तक 7 करोड़ 11 लाख रुपए की रिकवरी निकालकर सात दिन में जवाब देने के लिए कहा। बोर्ड ने रियाज को पत्र लिखकर कहा कि क्यों न आपके विरुद्ध वक्फ अधिनियम 1995 की धारा 34, 34 के प्रावधानों के तहत उपरोक्त राशि की वसूली आपसे की जाए।
ल्ल वक्फ बोर्ड ने 2 अगस्त 2023 को जांच समिति गठित कर रियाज के कार्यकाल की जांच कराई। जांच में पाया गया कि मदार गेट पर 115 दुकानों, 2 स्कूल बिल्डिंग और 5 आॅफिस रूम का निर्माण वक्फ संपत्ति के रूप में किया। रियाज खान ने कई साल तक किराया वसूला, लेकिन इसकी सूचना न तो बोर्ड को दी गई और न ही किराएदारों से प्राप्त होने वाली आय का हिसाब दिया गया। वक्फ संपत्ति का उपयोग निजी संपत्ति के रूप में किया गया। इसका अनाधिकृत लाभअर्जित किया गया।