पेरिस फिल्म फेस्टिवल – इंदौर में बच्चे से दुष्कर्म पर बनी शॉर्ट फिल्म ‘सायलेंट स्क्रीम’ को मिले तीन अवॉर्ड
ब्रह्मास्त्र इंदौर। इसी शहर में बनी शॉर्ट फिल्म ‘सायलेंट स्क्रीम’ देश-दुनिया के 3 बड़े फ़िल्म फेस्टिवल्स में स्क्रीनिंग के लिए सिलेक्ट हुई है। ये हैं पेरिस सिनेमा अवॉर्ड, कल्ट क्रिटिक अवॉर्ड और शॉर्टेड फेस्टिवल अवॉर्ड। शहर के यंग डायरेक्टर कुशाग्र शिंदे द्वारा डायरेक्ट की गई यह शॉर्ट फ़िल्म चाइल्ड एब्यूज़ पर बनाई गई है। एक बच्चा जिसके साथ उसके चाचा ने ही दुष्कर्म किया। उसके साथ क्या घटनाक्रम हुआ, उसके परिवार पर क्या बीती। यह सब इस फिल्म में दिखाया है। यह फिल्म मात्र ढाई लाख के बजट में ही तैयार कर ली गई।
इंदौर के 2 यंग डॉक्टर्स ने लिखी है फिल्म
खास बात यह है कि इस फिल्म के राइटर्स दो यंग डॉक्टर्स हैं। ये हैं 25 साल के डॉ. सुजय तिवारी और डॉ. चिरंजीव शेट्टी। राइटिंग और एक्टिंग इनका पैशन है। इसलिए मेडिकल प्रैक्टिस के साथ ये दोनों अपनी क्रिएटिविटी के लिए वक्त निकालते हैं।
ऐसी है कहानी
फिल्म का लीड कैरेक्टर है रिदान। वह कॉलेज स्टूडेंट है। ओम और तान्या उसके करीबी दोस्त हैं। रिदान हमेशा से थोड़ा खोया-खोया रहता है। कुछ समय से यह सिलसिला बढ़ गया है। एक पार्टी में रिदान बेहोश हो जाता है। कारण- नशा भी कर लिया था और वह एंटी एंग्जायटी व डिप्रेशन की दवाएं भी लेता है। बेहोशी हालत में उसे सपना आता है। यह सपना फिल्म के फ्लैश बैक में ले जाता है जिसमें दिखाया गया है कि उसके चाचा उसके छोटे भाई के साथ दुष्कर्म करते थे और यह घिनौना कृत्य होते हुए एक बार रिदान देख लेता है। वह बौखला जाता है और चाचा वहां से घबराकर भाग जाता है। रिदान उसका पीछा करता है। इस भगदड़ में उसका छोटा भाई फिसल जाता है और चोट लगने से उसकी मौत हो जाती है। रिदान इसका दोषी खुद को मान लेता है।
उसे लगता है कि अगर वह यह देखता ही नहीं तो भागदौड़ नहीं होती और उसका भाई आज ज़िंदा होता। यह अफसोस और यह पीड़ा ही उसके हमेशा खोए-खोए से रहने की वजह है। बेहोशी की हालत में उसके दोस्त उससे बार-बार पूछते हैं कि क्या हुआ? और रिदान एक दिन सब बता देता है। कुछ देर बाद उसकी आंखें खुलती हैं और भावनाओं का बांध टूट जाता है। हम यह मैसेज देना चाहते हैं कि अक्सर बच्चे ऐसी बातें शेयर नहीं करते। घरवाले भी बदनामी के डर से उसे खामोश रहने को कहते हैं। आगे चल कर यह कुंठा कई तरह की मानसिक विकृतियां पैदा करती है। इसलिए बोलिए…।
2.5 लाख के बजट में तैयार हुई मूवी
फ़िल्म की प्रोडक्शन टीम में शामिल सनी खन्ना ने बताया कि फ़िल्म का बजट 2.5 लाख है। इंदौर के इमेजरी पिक्चर्स प्रोडक्शन हाउस के साथ मिलकर एस्पिरिन एंटरटेनमेंट की ओर से बनाई गई यह फ़िल्म इंदौर में ही फिल्माई गई है। कास्ट भी इंदौर के ही हैं। फिल्म के को-राइटर डॉ. सुजय तिवारी ने रिदान की भूमिका निभाई है। ओम धाकरे, रक्षा कुमावत, सनी खन्ना और अतुल गोयल इसमें अलग-अलग भूमिकाओं में हैं।