मालवा-निमाड़ में विशेष सतर्कता : खरगोन दंगे के बाद इंदौर डीजीपी ने खुद खंगाली फाइलें, माहौल बिगाड़ने की थी साजिश
ब्रह्मास्त्र इंदौर। मध्यप्रदेश पुलिस के मुखिया डीजीपी सुधीर सक्सेना तीन दिन के इंदौर दौरे पर हैं। उनका यह दौरा खरगोन दंगे के बाद अचानक तय हुआ। इसे गृहमंत्री की मंशा और यहां हालात सामान्य बनाए रखने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है। खरगोन में दंगे के बाद यहां भी माहौल तेजी से बदलने लगा था। सायबर सेल ने 500 से ज्यादा ऐसे मैसेज पकड़े थे, जिनके जरिए शहर की फिजा खराब करने की साजिश रची जा रही थी।
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ये मंशा जताई थी कि डीजीपी खुद इंदौर के हालात की समीक्षा करें। इसके चलते सक्सेना मंगलवार को अचानक इंदौर पहुंचे। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर खरगोन उपद्रव के बाद इंदौर हॉट स्पॉट बन गया था। यहां पूरे बल का निरीक्षण करने के साथ जिला शाखा, विशेष शाखा से इनपुट लेना। शहर में पुलिस को लेकर पॉजिटिव मैसेज देना, इस दौरे के पीछे का मुख्य कारण है। अपने दौरे के पहले दिन उन्होंने कमिश्नर सिस्टम की समीक्षा की। बुधवार को उन्होंने थानों और फोर्स के निरीक्षण पर फोकस किया। आज गुरुवार को वे इंदौर ग्रामीण व शहर को लेकर मिले इनपुट की समीक्षा करेंगे।
महिला डेस्क पर जांच अधिकारी से की पूछताछ
डीजीपी सक्सेना ने बुधवार को दो थानों का निरीक्षण किया। इसके अलावा उन्होंने एक महिला शिकायतकर्ता को खुद ही फोन लगाकर कार्रवाई के बारे में जानकारी ली। उन्होंने थानों पर 376 और 354 के मामलों में कायमी व कार्रवाई के बारे में भी सवाल पूछे। डीजीपी सक्सेना सुबह ऑफिसर्स मेस से निकलते ही सबसे पहले बाणगंगा थाने पर पहुंचे। यहां थाने के रजिस्टर व शिकायत रजिस्टर को चेक किया। स्टाफ से रोज आने वाली शिकायतों और लंबित शिकायतों के बारे में जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने थाने के मालखाने की भी जानकारी ली। थाने के बल से शिकायत मिलने पर एफआईआर कैसे दर्ज की जाती है के बारे में पूछा। महिला संबंधित अपराधों की जानकारी लेने के लिए डीजीपी ने महिला डेस्क पर जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर श्रद्धा पवार से बातचीत की।