मप्र में कोरोना की चौथी लहर का खतरा! 15 दिन में एक्टिव केस में 500 प्रतिशत की बढ़ोतरी, 20 जिलों में नए केस
भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना ने एक बार फिर डराया है। 15 दिन में कोरोना के एक्टिव केस 500 प्रतिशत बढ़ गए हैं। 20 अप्रैल को प्रदेश में मात्र 45 एक्टिव केस थे। 5 मई को बढ़कर इनकी संख्या 216 पर पहुंच गई। यानी प्रदेश के 20 जिलों में एक्टिव केसों की संख्या 216 हो गई है। इनमें सबसे ज्यादा 53 केस इंदौर में हैं। दूसरे नंबर पर भोपाल में 42 एक्टिव केस हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि अब तक 4250 की जांच रिपोर्ट में 1823 केस वैरिएंट ऑफ कंसर्न के हैं। इसे सबसे खतरनाक माना गया है।
कोरोना का वायरस लगातार स्वरूप बदल रहा है। मप्र में सबसे ज्यादा ओमिक्रॉन वैरिएंट ने असर दिखाया है। स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन के मुताबिक प्रदेश में कोरोना संक्रमितों के सैंपल को रेंडम सिलेक्ट कर होल जीनोम सीक्वेंसिंग कराई जा रही है। इसके लिए अब तक 4913 सैंपल भेजे गए थे। इनमें से 4250 सैंपल की रिपोर्ट आई है।
इंदौर में सबसे ज्यादा 53 केस
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक मप्र में भी कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं। भोपाल में 42, इंदौर में 53, ग्वालियर में 35, मुरैना में 31, शिवपुरी में 10, टीकमगढ़ में 9, गुना, जबलपुर में 7, दतिया में 4, रायसेन, सागर में तीन-तीन, हरदा, राजगढ़, उज्जैन में दो-दो, बालाघाट, बैतूल, झाबुआ, कटनी, खंडवा और नीमच में एक-एक एक्टिव केस हैं।
दूसरी लहर के मुकाबले थर्ड वेव में 95% मौतें घटी
आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले साल अप्रैल-मई में आई कोरोना की दूसरी लहर के दौरान दो महीनों में चार हजार मरीजों की मौतें हुई थीं। हालांकि वैक्सीनेशन के कारण थर्ड वेव में मौतों के मामले 95% तक घट गए। तीसरी लहर के चार महीनों में 202 मरीजों की मौत हुई, जबकि 2 लाख 47 हजार 470 मरीज मिले। विशेषज्ञ कहते हैं कि ओमिक्रॉन वैरिएंट को सुपर स्प्रेडर जरूर माना गया, लेकिन टीकाकरण के कारण इसकी सीवियरिटी कम रही। अस्पताल में एक फीसदी मरीजों को भर्ती करने की जरूर