इंदौर में 30 लाख की ठगी के आरोपी कथावाचक की व्यथा-किसी से छल नहीं करना चाहता था, लॉकडाउन से सबकी नजरों में गिर गया
ब्रह्मास्त्र इंदौर। ‘फरवरी 2021 में इंदौर में मेरी भागवत कथा थी। सभी श्रद्धालुओं ने नि:स्वार्थ भाव से लाखों का चढ़ावा चढ़ाया। कथा खत्म होने के बाद मैंने हरिद्वार में कथा की तैयारी शुरू कर दी। यह घोषणा जब इंदौर में की तो यहां के श्रद्धालुओं ने भी आने की इच्छा जताई और पैसे भी दिए। इसके बाद मैं हरिद्वार में टेंट, कैटरिंग से लेकर बिजली, साउंड सिस्टम लगाने वालों की बुकिंग करता गया। इन लोगों को मैंने समय-समय पर एडवांस पेमेंट भी किया। साथ ही लगातार इंदौर के श्रद्धालुओं के संपर्क में रहा। लेकिन 25 मार्च से लॉकडाउन लग जाने के कारण पूरा कार्यक्रम अस्त-व्यस्त हो गया। मैं किसी से छल नहीं करना चाहता था, लेकिन लॉकडाउन ने मुझे श्रद्धालुओं की नजरों में गिरा दिया।’
ये बातें इंदौर में भागवत कथा के नाम पर श्रद्धालुओं से 30 लाख की ठगी करने वाले आरोपी अजीतसिंह चौहान उर्फ प्रभु महाराज ने पुलिस के सामने कहीं। आरोपी महाराज को एक दिन की रिमांड के बाद जेल भेज दिया गया। अजीतसिंह ने बताया कि वह बीते 5 सालों में देश के कई शहरों में भागवत कर चुका है।
भागवत कथा की पढ़ाई की
28 वर्षीय कथावाचक अजीत सिंह चौहान उर्फ प्रभु महाराज गुजरात के अमरेली जिले की लीलिया तहसील का रहने वाला है। वह आठवीं तक पढ़ा-लिखा है।
कथावाचक अजीतसिंह ने हरिद्वार में कथा के लिए ये पर्चे छपवाए थे।
कथा में कोविड का साइड इफेक्ट
आरोपी ने पुलिस को बताया कि इंदौर में श्रद्धालुओं से रुपए लेने के बाद वो लगातार इंदौर के सभी भक्तों के संपर्क में था और पूरे मन से हरिद्वार में होने वाली कथा के आयोजन में जुटा हुआ था। लेकिन लॉकडाउन के कारण एडवांस में दी हुई पूरी रकम डूब गई और मैं श्रद्धालुओं की नजर में गिर गया।
महिलाओं ने जनसुनवाई में की थी शिकायत
पीड़ित महिलाओं ने कथावाचक पर ठगी का आरोप लगाने हुए आरोप लगाते हुए बीते सप्ताह कलेक्टर जनसुनवाई में शिकायत की थी। महिलाओं ने बताया कि पंडित जी ने विश्वास में लेने के बाद हमारे साथ विश्वासघात किया था।