महाकाल भस्मारती में अनुमति धारकों के अलावा भी श्रद्धालु चलित दर्शन कर सकेंगे
– मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में निर्णय, पहले 7 दिन प्रयोगिक तौर पर इसे शुरू करेंगे
दैनिक अवंतिका उज्जैन।
महाकाल मंदिर में रोज तड़के 4 बजे होने वाली विश्व प्रसिद्ध भस्मारती में अब पूर्व से अनुमति प्राप्त पंजीकृत श्रद्धालुओं के अलावा भी शेष बचे श्रद्धालुओं को भी मंदिर प्रबंध समिति चलित दर्शन कराएगी। इसके लिए मंदिर परिसर में पीछे के दो बेरिकेड्स का उपयोग किया जाएगा। लोग भस्मारी के दौरान मंदिर में प्रवेश करेंगे तथा चलित रूप से दर्शन करते हुए वापस बाहर निकल जाएंगे।
यह निर्णय बुधवार को बृहस्पति भवन में कलेक्टर आशीष सिंह की अध्यक्षता में हुई मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में लिया गया। कलेक्टर सिंह ने बैठक में इस विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि पहले इस व्यवस्था को प्रायोगिक रूप से लागू किया जाएगा। 7 दिन तक इसे देखने के बाद यदि कोई परेशानी नहीं आती है तो इसे आगे भी जारी रखेंगे। इससे यह फायदा होगा कि भस्मारती की ऑनलाइन व ऑफलाइन जरिए से पूर्व से अनुमति लेने वाले श्रद्धालुओं के अलावा भी अन्य ऐसे श्रद्धालु जो किसी कारण से अनुमति नहीं ले पाते हैं वे भी मंदिर में प्रवेश कर भस्मारती के चलित दर्शन कर सकेंगे। ऐसे श्रद्धालुुओं के प्रवेश-निर्गम, इनकी संख्या आदि विभिन्न विषयों पर अलग से बैठक कर व्यवस्था तय कर इसे शुरू किया जाएगा। बैठक में एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल, निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता, एडीएम संतोष टैगोर, यूडीए व स्मार्ट सिटी सीईओ आशीष पाठक, महंत विनित गिरि महाराज, मंदिर प्रशासक गणेश कुमार धाकड़, मंदिर प्रबंध समिति सदस्य पुजारी प्रदीप गुरू के प्रतिनिधि पुजारी प्रशांत शर्मा बबलू गुरु, श्री राम पुजारी, सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल, सहायक प्रशासनिक अधिकारी आरके तिवारी प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
वर्ष 2022-23 के लिए 81 करोड़ 65 लाख आय वाला बजट पेश
बैठक में वर्ष 2022-23 का प्रस्तवित बजट भी पेश किया गया। जिसमें आय-व्यय का अनुमोदन कर संभागायुक्त को भेजा गया। मंदिर प्रशासक गणेश कुमार धाकड ने बताया कि वर्ष 2022-23 के बजट में प्रस्तावित आय 81 करोड़ 65 लाख रुपए, प्रस्तावित व्यय 81 करोड़ 10 लाख रुपए व प्रस्तावित लाभ/बचत 55 लाख रुपए दर्शाया गया।
मंदिर के वार्षिक आयोजनों और इतिहास पर स्मारिका व कीताब
महाकाल मंदिर प्रबंध समिति मंदिर में होने वाले समस्त क्रियाकलापों के संबंध में जानकारी एकत्रित कर भौतिक स्मारिका प्रकाशित करेगी। जिसमें मंदिर में होने वाली समस्त धार्मिक सांस्कृतिक आयोजन, श्रद्धालुओं की संख्या, विशेष पर्व त्यौहार, पारंपरिक पूजन, पालकी के संबंध में जानकारी व अन्य मंदिर द्वारा होने वाली सामाजिक गतिविधियों का विवरण होगा। इसके अलावा एक पुस्तक का प्रकाशन किया जाएगा जिसमें महाकाल का इतिहास परंपरा, विधिविधान के अतिरिक्त मंदिर में मनाये जाने वाले पर्व व मंदिर के संबंध में पुराणों व ग्रन्थों में वर्णित महाकाल के उल्लेख के संबंध में विस्तृत जानकारी होगी, जिससे आने वाले दर्शनार्थी को मंदिर के सबंध में जानकारी प्राप्त हो सकेगी।
17 वें श्रावण महोत्सव में इस बार 6 रविवार 18 प्रस्तुतियां
प्रतिवर्ष होने वाले श्रावण महोत्सव का आयोजन विगत दो वर्ष के बाद इस वर्ष 2022 में होने जा रहा है। यह 17 वां श्रावण महोत्सव होगा जिसमें प्रस्तुति देने वाले प्रस्तावित कलाकारों के नामों का अनुमोदन बैठक में किया गया। इस वर्ष कुल 6 रविवार को 18 प्रस्तुतियां होंगी, जिसमें प्रत्येक रविवार राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय कलाकारों के साथ स्थानीय कलाकरों को मंच प्रदान किया जाएगा। बैठक में यह भी बताया गया कि प्रवचन हॉल टूटने से श्रावण महोत्सव 2022 का आयोजन त्रिवेणी संग्रहालय में होगा।
उत्तम जल वृष्टि हेतु 5 दिनी महारुद्राभिषेक 22 जून से होगा
महाकाल मंदिर प्रबंध समिति द्वारा उत्तम जल वृष्टि हेतु 5 दिवसीय महारूद्राभिषेक का आयोजन महाकाल मंदिर में 22 जून से 26 जून तक किया जाएगा। बैठक में इस पर सभी सदस्यों ने सहमति व्यक्त की। इसके अतिरिक्त महाकाल मंदिर परिक्षेत्र में स्थित भारती भवन को राष्ट्रीय स्मारक बनाये जाने हेतु पंडित सूर्यनारायण व्यास के पुत्र राजशेखर व्यास आईबीएस उज्जैन द्वारा प्रस्तुत आवेदन के संबंध में विचार किया गया। इस संबंध में प्रस्ताव बनाकर उपयोग पर चर्चा किये जाने पर सदन द्वारा सहमति व्यक्त की गई।
बड़े दानदाताओं की अलग से दर्शन व्यवस्था तय की जाएगी
बैठक में तय किया गया कि महाकाल मंदिर में दर्शन व भस्मारती आदि के लिए आने वाले बड़े दानदाताओं के लिए दर्शन, पूजन आदि की व्यवस्था अलग से तय करने को लेकर चर्चा की गई। उल्लेखनीय है कि महाकाल मंदिर के समस्त क्रिया कलाप का संचालन दानदाताओं के माध्यम से ही होता है। मंदिर में समय-समय पर आने वाले दादाताओं का सम्मान बना रहे, इस हेतु उनके सरल-सुलभ दर्शन की व्यवस्था कराई जाकर उन्हें उनके द्वारा दान की गई दान राशि के आधार पर पर्याप्त सुविधा जैसे- भस्मार्ती, आवास, भोजन व्यवस्था आदि के संबंध में प्रस्ताव योजना तैयार की जाकर लागू की जाने का निर्णय लिया गया।