ऐसा आरक्षण किस काम का..? एक हजार मतदाता वाली रामपुरिया पंचायत में एक भी SC नहीं, इसलिए सरपंच का प्रत्याशी भी नहीं
इंदौर। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में इस बार महू जनपद की एक पंचायत में सरपंच सीट के लिए एक भी नामांकन नहीं आया है। इसका कारण यह पंचायत नई बनी है और एससी के लिए आरक्षित है। विडम्बना यह कि पूरे पंचायत में एससी वर्ग का एक भी व्यक्ति नहीं है, इसके चलते यहां जीरो नामांकन हुआ है। मामले में अब चुनाव आयोग से दिशा-निर्देश मांगे गए हैं। लोग सवाल कर रहे हैं कि ऐसा भी आरक्षण किस काम का, जिसमें उस क्षेत्र के किसी भी वर्ग के साथ न्याय न हो पाए। जिस वर्ग का वोटर ही नहीं है, उसी वर्ग का आरक्षण कर दिया।
दरअसल, यह पहले मांगलिया पंचायत में थी और यह सीट ओबीसी महिला के लिए थी, जिसमें लक्ष्मीबाई पति जगदीश सरपंच चुनी गई। नए समीकरणों के तहत महू गांव में रामपुरिया नाम से नई पंचायत बनी। इस बार जब सरपंच के लिए नामांकन दाखिल हुए तो एक भी नामांकन नहीं आया। दरअसल इसके पीछे जो कारण सामने आया वह यह कि गांव की जनसंख्या 1700 है और इनमें 1 हजार मतदाता हैं। इनमें एक भी एससी वर्ग का नहीं है। इसके चलते भाजपा, कांग्रेस समर्थित या निर्दलीय किसी की ओर से भी एक नामांकन नहीं भरा गया।
एसडीएम अक्षत जैन ने बताया कि उक्त पंचायत नई बनने से ऐसी स्थिति निर्मित हुई है। इसके पूर्व 2011 में मांगलिया पंचायत रहने के दौरान तब की जनसंख्या के लिहाज से इसका निर्धारण हुआ। अब यहां फिर से चुनाव कराए जाने सहित अन्य बिंदुओं पर चुनाव आयोग से दिशा-निर्देश मांगे गए हैं। बहरहाल, महू जनपद में 7 पंचायतें हैं जिनमें से दो निर्विरोध हैं। ऐसे में अब 73 पंचायतों में चुनाव होंगे।