मंत्री मोहन यादव सिंहस्थ उपयोग की भूमि छोड़ें

उज्जैन आए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरिगिरि जी की हुंकार

सांवराखेड़ी, जीवनखेड़ी और दाऊदखेड़ी में निर्माण कार्य देख भड़के, मुख्यमंत्री को लिखा पत्र – मोहन यादव को कुछ पैसे देकर भूमि छुड़वाओ

उज्जैन। मास्टर प्लान में सिंहस्थ के उपयोग में आने वाली सांवराखेड़ी जीवनखेड़ी और दाऊदखेड़ी की जमीन को आवासीय करने के प्रस्ताव पर एक बार फिर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरिगिरि जी ने रोष जताया है। उन्होंने मंत्री मोहन यादव को सलाह दी है कि उज्जैन यदुवंशियों की रही है। भगवान श्रीकृष्ण ने अपना शहर छोड़कर पूरा द्वारका बसा दिया था। उन्होंने मोहन यादव से कहा कि वे राज हठ छोड़ें और सांवराखेड़ी, जीवनखेड़ी तथा दाऊदखेड़ी की जमीन सिंहस्थ के लिए रहने दें।

सांवराखेड़ी में निर्माण कार्य पर रोक लगाने की मांग

हरिगिरि जी इन दिनों उज्जैन में हैं। उन्होंने यहां बाबा महाकाल के दर्शन किए और महाकाल कॉरीडोर का काम देखा। महाकाल कॉरीडोर के काम पर उन्होंने प्रसन्नता जाहिर की। वे सिंहस्थ 2028 के मद्देनजर सांवराखेड़ी, जीवनखेड़ी और दाऊदखेड़ी की जमीन का मुआयना करने भी पहुंचे। वहां चल रहे निर्माण कार्यों को देख कर वह नाराज हो गए और उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा। उन्होंने सांवराखेड़ी, जीवनखेड़ी और दाऊदखेड़ी में चल रहे निर्माण कार्य पर रोक लगाने की मांग की।

मास्टर प्लान की सुनवाई भोपाल की बजाय उज्जैन में हो

हरिगिरि जी ने भोपाल में होने वाली मास्टर प्लान की सुनवाई को उज्जैन में करने की भी मांग की, ताकि साधु -संत और आम नागरिक अपना पक्ष रख सकें। उन्होंने पत्र में चेतावनी भी दी कि यदि इन मांगों पर शीघ्र ही विचार नहीं किया गया, तो अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के साधु – संत उज्जैन में एकत्रित होकर विरोध करेंगे। हरिगिरि जी ने मीडिया से कहा कि किसी एक मंत्री के बल पर सरकार नहीं बना करती। इसलिए मैं उनसे कहूंगा कि वे अपने राजहठ को छोड़ें और सोचें।

मोहन यादव को कुछ पैसा देकर जमीन आरक्षित कर दें

उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री से कहेंगे कि मोहन यादव को इनकी जमीन का कुछ पैसा देकर उसे सिंहस्थ के लिए आरक्षित कर दें, ताकि मेला सिंहस्थ सुरक्षित हो सके। उन्होंने कहा कि अपने नाम के अनुरूप काम करें। आपका नाम मोहन है। मोहन तो वे थे जिन्होंने अपना राजपाट छोड दिया था और दूसरी जगह द्वारका में जाकर नया शहर बसा दिया था।आपको लोगों की भावनाएं देखनी चाहिए। उदारता देखनी चाहिए। आप राज हठ छोड़ें।