गच्छाधिपति श्रीमद् विजय नित्यसेन सूरीश्वरजी म.सा. का प्रथम नगरागमन

महिदपुर। राष्ट्रसंत पुण्य सम्राट श्रीमद् विजय जयंतसेन सुरीश्वरजी म.सा. के पट्टधर म.प्र. शासन के राजकीय अतिथि, गच्छाधिपति, धर्मदिवाकर आचार्य देवेश श्रीमद् विजय नित्यसेन सूरीश्वरजी म.सा. का मुनिमण्डल सहित प्रथम नगरागमन लाल मंदिर नारायणा रोड़ से त्रिस्तुतिक श्रीसंघ के तत्वावधान में शुक्रवार को मंगल प्रवेश सामैया जुलूस शोभायात्रा के रुप में प्रारम्भ हुआ। गुरुदेव के जयकारों से नगर गुंजायमान हुआ। शोभायात्रा मार्ग पर जगह जगह अक्षत श्रीफल से गंवली कर गुरुदेव की अगवानी की गई। गुरुदेव की चरणरज से नगर धन्य हो गया। समाजजनों ने नतमस्तक होकर दर्शन वंन कर गुरुदेव से आशीर्वाद प्राप्त किया। राजेन्द्रसूरी महिला मण्डल, बहुमण्डल, खरतरगच्छ आदि महिला मण्डल व बहुमण्डल की महिलाऐं ड्रेसकोड में सिर पर मंगल कलश धारण कर शोभायात्रा को शोभायमान कर रही थी। जिन शासन के महाराजा पधार रहे है। नित्यसेन सूरी पधार रहे है की धुन से वातावरण सुशोभित हो रहा था। शोभा यात्रा नगर के प्रमुख मार्गो से होती हुई शांतिनाथ आराधना भवन में धर्मसभा में परिवर्तित हुई। गुरुदेव के मंगलाचरण से धर्मसभा प्रारंभ हुई। त्रिस्तुतिक श्रीसंघ के संरक्षकों द्वारा दादा गुरुदेव व पूण्य सम्राट के चित्र पट्ट पर धूप,दीप व माल्यार्पण किया गया। संघ की ओर से गुरुदेव को काम्बली ओढ़़ाई गई। श्री राजेन्द्र सूरी महिला मण्डल ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। रमेश लुणावत तथा महिला मण्डल की अध्यक्षा संगीता मोदी ने स्वागत भाषण दिया। राज गादिया ने गीत के माध्यम से सुन्दर प्रस्तुती दी। धर्मसभा में मुनिराज निपुणरत्न विजयजी म.सा. ने कहा कि हमें समभाव में रहना चाहिये। समभाव से आत्मा का कल्याण होता है। आत्मा अपने स्वभाव से चलती है। जड़ और चेतन मनुष्य का स्वभाव है। अतिनि से अर्थाेपार्जन करने से हम दुखी होते है जितनी आवश्यकता है उतना अथोर्पार्जन नितिपूर्वक करना चाहिये। जिससे हमें सुख की अनुभूति होगी। साधु संत हमेशा मनुष्य को मोक्ष में जाने का मार्ग दिखाता है। कार्यक्रम का संचालन पारस लुणावत ने किया। माणकलाल छाजेड़ ने आभार व्यक्त किया। चमेलीबाई चांदमल मेहता की ओर से सकल श्री संघ की नवकारसी एवं त्रिस्तुतिक श्री संघ की ओर से सकल श्री संघ का स्वामी वात्सल्य रखा गया। राजमल नाथूलाल बांठिया परिवार की ओर से धर्मसभा में प्रभावना वितरित की गई। सिरेमल बांठिया परिवार की ओर से संघपूजा की गई।
परिषद की राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य नरेन्द्र धाड़ीवाल ने बताया कि नित्यसेन सुरीश्वरजी म.सा. का जन्म म.प्र. के राणापुर में हुआ। राष्ट्रसंत श्रीमद् विजय जयंतसेन सूरीश्वरजी ने सन् 1967 में प्रथम शिष्य के रुप में दीक्षा प्रदान की। मुनिभगवंत के रुप में जयंतसेन सूरी के साथ अनेक बार नगर आगमन हुआ। आप मुनिभगवंत के रुप में सन् 2013 में महिदपुर पधारे थे। 18 मई 2017 को भाण्डवपुर तीर्थ में गच्छाधिपति पद प्रदान किया गया। गच्छाधिपति बनने के बाद आपका प्रथम बार नगर आगमन हुआ। धाड़ीवाल ने बताया कि गच्छाधिपति 10 जून की शाम को महिदपुर रोड़ की ओर विहार करेंगे।