पोस्टर और नारे लिखने पर एक हजार का जुर्माना

बगैर अनुमति पोस्टर, होर्डिंग लगाने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई

इंदौर। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के चलते राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा आदर्श आचरण संहिता लागू की गई है। चुनाव के दौरान सम्पत्ति विरूपण की रोकथाम हेतु पूर्व में शासन द्वारा निर्देश जारी किये गये हैं। उसी क्रम में निर्देशित किया गया है कि बगैर अनुमति के दीवारों पर नारे लेखन, पोस्टर, होर्डिंग आदि लगाकर सम्पत्ति विरूपित नहीं किए जाएंगे। इस संबंध में जिला दण्डाधिकारी एवं जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा आदेश जारी कर दिए गए हैं। आदेश का उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।
मध्यप्रदेश सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम-1994 की छाया प्रति सभी संबंधित विभागों को प्रेषित की गई है, जिसमें इस अधिनियम की धारा- 3 में यह स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि कोई भी, जो सम्पत्ति के स्वामी की लिखित अनुज्ञा के बिना सार्वजनिक दृष्टि में आने वाली किसी सम्पत्ति को स्याही, खड़िया, रंग या किसी अन्य पदार्थ से लिखकर या चिन्हित करके उसे विरूपित करेगा, वह जुर्माने से, जो एक हजार रुपये तक का हो सकेगा, दण्डनीय होगा। इस अधिनियम के अधीन दण्डनीय कोई भी अपराध संज्ञेय होगा।

लोक सम्पत्ति सुरक्षा दस्ता गठित

विभिन्न राजनैतिक दलों अथवा चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों द्वारा किसी शासकीय एवं अशासकीय भवन की दीवारों पर किसी भी प्रकार के अवैध रूप से लिखे गये नारे, पोस्टर एवं बैनर हटाने के लिए तथा चुनावी नारे मिटाने के लिए इन्दौर जिले के समस्त थाना क्षेत्रों में लोक सम्पत्ति सुरक्षा दस्ता गठित किये गये हैं। यह लोक सम्पत्ति सुरक्षा दस्ता स्थानीय एसडीएम, नगर पुलिस अधीक्षक, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, टीआई और थाना प्रभारी के सीधे देख- रेख में कार्य करेगा।

निजी सम्पत्ति पर लिखने और पोस्टर लगाने की होगी शिकायत

यदि किसी राजनैतिक दल या चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थी द्वारा किसी निजी सम्पत्ति बिना उसके स्वामी की लिखित सहमति के विरूपित किया जाता है तो निजी सम्पत्ति के स्वामी द्वारा सम्बन्धित थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद लोक सम्पत्ति सुरक्षा दस्ता निजी सम्पत्ति को विरूपित होने से बचाने की कार्यवाही करेगा। थाना प्रभारी सम्बन्धित प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार पर विधिवत् जांच कर सक्षम न्यायालय में चालान प्रस्तुत करेंगे।

मतदाता के लिए 22 तरह के दस्तावेज मान्य

पंचायत निर्वाचन में मतदाता को मतदान करने के लिये उनके पास 22 दस्तावेजों में से कोई एक दस्तावेज पहचान के तौर पर मतदान केन्द्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। पहचान के लिए प्रस्तुत 22 दस्तावेजों में से भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदाय किया गया है। मतदाता पहचान पत्र, भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका, पीला राशन कार्ड काम के बदले अनाज योजनान्तर्गत जारी, नीला राशन कार्ड गरीबी रेखा के नीचे हितग्राहियों हेतु जारी, राशन कार्ड, बैंक, किसान, डाकघर की पासबुक, शस्त्र लायसेंस, सम्पत्ति दस्तावेज जैसे अन्य पहचान पत्र मतदान के दौरान उपलब्ध होना चाहिये।

मतदान दिवस पर कारखानों में अवकाश

त्रिस्तरीय के निर्वाचन -2022 के निर्धारित कार्यक्रम अनुसार मतदान दिवस 25 जून 2022 (शनिवार) को संबंधित ग्राम पंचायत के निर्वाचन क्षेत्र में आने वाले कारखानों में कार्यरत कामगारों को मताधिकार का उपयोग करने की सुविधा देने की दृष्टि से अवकाश रखेंगे।

अनुमति मिलने पर ही मिलेंगे टेन्ट किराये पर

अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी जिला इन्दौर पवन जैन ने दण्ड प्रक्रिया संहिता-1973 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सम्पूर्ण इंदौर जिले के टेंट संचालको हेतु प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किये है। उल्लंघन पाये जाने पर टेन्ट संचालक के विरुद्ध इस आदेश के उल्लंघन स्वरूप दण्डात्मक कार्यवाही पुलिस द्वारा की जायेगी। समस्त टेन्ट सामग्री जब्त की जा सके।