उच्च शिक्षा के ऊंचे खेल- डीईटी के रिजल्ट में भारी गड़बड़ी, कुलपति से शिकायत
ब्रह्मास्त्र इंदौर। पीएचडी में प्रवेश को लेकर करवाई गई डाक्टोरल एंट्रेंस टेस्ट (डीईटी) के रिजल्ट को लेकर गड़बड़ी सामने आई है। प्रबंधन-वाणिज्य विषय के परीक्षार्थियों ने कुलपति से शिकायत करते हुए रिजल्ट में कम अंक देने का आरोप लगाया है, जबकि इन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा जारी माडल आंसरशीट के हिसाब से अधिक अंक मिलने का दावा किया है। इस मामले में कुलपति डा. रेणु जैन ने कापियां दोबारा जंचवाने का आश्वासन दिया है। वहीं परीक्षार्थियों ने डीईटी से जुड़ी प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए हैं। 44 विषयों की 1215 सीटों के लिए डीईटी-2022 अप्रैल में करवाया था।
24 मई को जारी हुए रिजल्ट में सिर्फ 19.4 प्रतिशत परीक्षार्थियों का चयन हुआ है। कई विषय में सीट से कम उम्मीदवारों को पीएचडी में प्रवेश मिला है। अब बीस दिन बाद रिजल्ट में आपत्तियां सामने लगी हैं। इन परीक्षार्थियों ने पहले डीईटी प्रभारी से भी शिकायत की थी, किंतु कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है। इसके बाद रिजल्ट में गड़बड़ी की बात कुलपति डा. रेणु जैन के समक्ष रखी है।
परीक्षार्थियों ने डीईटी का रिजल्ट और माडल आंसरशीट दोनों प्रस्तुत की है, जिसमें उन्होंने माडल आंसरशीट के मुताबिक अधिक अंक मिलने की बात कही है। सूत्रों के मुताबिक डीईटी का रिजल्ट आने के बाद रिव्यू का कोई प्रविधान नहीं है। डीईटी प्रभारी डा. अभय कुमार का कहना है कि औपचारिक रूप से रिजल्ट का दोबारा मूल्यांकन नहीं हो सकता है। वैसे इन परीक्षार्थियों की कापियां दिखाई गई हैं। इसकी रिपोर्ट कुलपति को बताई है। डीईटी के कुछ नियम भी विश्वविद्यालय ने बदले हैं।
2019 तक डीईटी में बैठने वाले सभी परीक्षार्थियों के अंक सार्वजनिक किए थे। मगर इस बार ये व्यवस्था बंद कर दी। परीक्षार्थी स्वयं का रिजल्ट ही देख सकते हैं। वरिष्ठ प्रोफेसरों के मुताबिक नियम बदलने से पहले अधिसूचना देनी होती है, जो इस बार नहीं निकाली गई है।
दोबारा जंचवाई जाएंगी कापियां
विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलसचिव अनिल शर्मा का कहना है कि डीईटी रिजल्ट को लेकर शिकायत मिली है। इन परीक्षार्थियों की शिकायतों का निराकरण करने के लिए डीईटी प्रभारी को निर्देश दिए हैं। जल्द ही दोबारा कापियां जंचवाई जाएंगी।