नेपाल उपराष्ट्रपति के सलाहकार बनकर आये थे, अब 10 साल रहेंगे सलाखों में
उज्जैन। जयपुर के तीन ठग नेपाल उपराष्ट्रपति के सलाहकार बनकर आये थे और सर्किट हाऊस में रुककर वीआईपी सुविधा का लाभ उठा रहे थे। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार किया था। 2 साल बाद कोर्ट ने गुरुवार को 4.65 लाख का अर्थदंड लगाते हुए 10-10 सलाखों में रहने की सजा सुनाई है। 31 जनवरी 2020 को सर्किट हाऊस में ठहरे नेपाल उपराष्ट्रपति के फर्जी सांस्कृतिक सलाहकारों महावीरप्रसाद तोरडी, प्रमोद शर्मा और कुलदीप शर्मा को माधवनगर पुलिस के एसआई तरुण कुरील, प्रधान आरक्षक संतोष राव और आरक्षक धर्मेन्द्र सूर्यवंशी ने पकड़ा था। तीनों फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वीआईपी बनकर देशभर में घूम रहे थे। पूछताछ में जयपुर राजस्थान के निवासी सामने आने और मुख्य आरोपी महावीरप्रसाद के खिलाफ 18 अपराध जयपुर में दर्ज होने पर माधवनगर पुलिस तीनों के खिलाफ धोखाधड़ी में प्रकरण दर्ज कर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया था। एजीपी मुकेश जैन ने बताया कि 2 साल तक चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने तीनों को फर्जी तरीके से वीआईपी सुविधा लेने का दोषी करार देते हुए धारा 419, 420, 467, 468, 471 में 10-10 की सजा और अलग-अलग धाराओं में 4 लाख 65 हजार के जुर्माने से दंडित किया है।