मुस्लिम, आदिवासी या कोई और …? राष्ट्रपति प्रत्याशी चयन में चौंका सकती है भाजपा
ब्रह्मास्त्र नई दिल्ली। देश में अगले राष्ट्रपति के चुनाव के लिए प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। 29 जून तक राष्ट्रपति पद के प्रत्याशियों को अपना नामांकन दाखिल करना होगा। इस बीच सरकार और विपक्ष ने अपने-अपने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों पर विचार करना शुरू कर दिया है। विपक्ष में जहां राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी के लिए एक राय नहीं बन रही है, वहीं भाजपा ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं । फिलहाल पार्टी में दो नामों पर चर्चा ज्यादा चल रही है। हालांकि भाजपा से तीसरा नाम भी आ जाए तो कोई आश्चर्य नहीं। पहला नाम है केरल के राज्यपाल और उदारवादी मुस्लिम नेता आरिफ मोहम्मद खान। वहीं दूसरा नाम है झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्म।
निर्विवाद नेता हैं आरिफ मोहम्मद
खान। वे देश में मुसलमानों के उदारवादी चेहरे का प्रतिनिधित्व करते हैं और भाजपा की विचारधारा और राजनीति के प्रति काफी अनुकूल हैं। हमेशा ही इस्लामिक कट्टरवाद के खिलाफ दृढ़ता से आवाज उठाई है। इंदौर के शाहबानो कांड में कट्टरपंथी मुसलमानों के आगे झुकने के बजाय उन्होंने विरोध स्वरूप राजीव गांधी की सरकार से इस्तीफा दे दिया था। आरिफ मोहम्मद खान एक उच्च शिक्षित विद्वान और इतिहास के जानकार हैं।
झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू का नाम रेस में इसलिए बताया जा रहा है क्योंकि अभी तक देश में आदिवासी वर्ग से कोई भी राष्ट्रपति नहीं बना है, जबकि आदिवासियों के एक बड़ी आबादी राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, झारखंड, तेलंगाना और जम्मू-कश्मीर के साथ-साथ उत्तर पूर्व भारत में रहती है।