भड़के हुए असंतुष्टों को मनाने में बड़े नेताओं को भी आ रहा पसीना
भाजपा-कांग्रेस में अभी भी आक्रोश; ऑडियो वायरल न हो जाए इसलिए फोन पर नहीं दे रहे समझाइश
इंदौर। भाजपा व कांग्रेस में टिकिट वितरण को लेकर असंतोष अभी थमा नहीं है। लगभग सभी विधानसभा क्षेत्रों में किसी न किसी वार्ड को लेकर जबर्दस्त आक्रोश है। भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय का कहना है कि अधिकांश को मना लिया है लेकिन मैदानी हकीकत कुछ और ही है। भड़के हुए दावेदारों व समर्थकों का विरोध प्रदर्शन व अंदरूनी तौर पर खिलाफत की स्थिति अभी भी बनी हुई है। अब नामांकन वापसी में सिर्फ दो दिन बचे हैं। ऐसे में भाजपा ने वरिष्ठ नेताओं व विधायकों को रूठों को मनाने की जिम्मेदारी दी है, जबकि कांग्रेस ने अभी अपने पांच प्रत्याशी ही घोषित नहीं किए हैं।
रूठों को मनाने और समझाइश के मामले में सभी पक्ष सामने बैठकर ही बात कर रहे हैं। दरअसल कई नेता मोबाइल पर समझाइश दे रहे तो कुछ टेलिफोनिक बातचीत से बच रहे हैं।उन्हें शंका है कि बातचीत में मुंह से कुछ गलत निकल गया तो रिकॉर्डिंग वायरल भी हो सकती है।
भाजपा में जो असंतोष की स्थिति बनी है, उसे लेकर खुद विजयवर्गीय बता चुके हैं कि 85 प्रत्याशियों के लिए 900 दावेदार थे। इन्हें शनिवार को नामांकन के बाद देर रात तक हुई समझाइश व पार्टी हित में मना लिया है, लेकिन विरोध के स्वर और तीखे होते जा रहे हैं। सबसे ज्यादा विरोध तीन बातों को लेकर हो रहा है। पहला यह कि जिन्होंने लंबे समय तक काम किया, कोरोना में मदद की ऐसे दावेदार जो पहले पार्षद थे, उन्हें दरकिनार कर दिया। दूसरा, किसी अन्य विधानसभा क्षेत्र के व्यक्ति को दूसरी विधानसभा के वार्ड में प्रत्याशी बना दिया गया जो बाहरी हैं। तीसरा यह कि आपराधिक प्रवृत्ति वालों को टिकिट दे दिए गए।
इसमें पहले दो कारणों के मामले में खुद विजयवर्गीय, विधायक रमेश मेंदोला, पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता, जीतू जिराती व नगर अध्यक्ष मनाने में जुटे हैं, जबकि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशियों को लेकर वरिष्ठ नेताओं की चुप्पी है। उनकी नजर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संघ पर टिकी है?
मेंदोला समर्थक पूजा पाटीदार का भी विरोध, रैली निकाली
दूसरी ओर दो टिकिट कंचन गिदवानी व संध्या यादव को लेकर लोगों का विरोध सांसद शंकर लालवानी पर है। ऐसे ही एक टिकिट वार्ड 80 को लेकर भी भारी आक्रोश है। इसे लेकर लगातार दावेदारों व उनके समर्थकों को समझाइश दी जा रही है। विधानसभा 2 के वार्ड 29 की प्रत्याशी पूजा पाटीदार को लेकर भी विरोध है। क्षेत्रीय लोग संगीता यादव को प्रत्याशी बनाना चाहते हैं ,लेकिन जब किसी भी स्तर पर सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने रविवार शाम को वाहन रैली निकालकर विरोध जताया।
सभी को एक ही जवाब अपील समिति में रखेंगे मुद्दा
टिकिट वितरण को लेकर भाजपा के अलग-अलग गुटों के नाराज कार्यकर्ता कैलाश विजयवर्गीय, रमेश मेंदोला, मधु वर्मा व सुदर्शन गुप्ता से मिले तो उन्हें यही कहा गया कि पार्टी कार्यालय में आकर प्रदर्शन करने का तरीका अच्छा नहीं है। आप लोगों का मुद्दा भोपाल मे अपील समिति में रखेंगे। वहां से जो दिशा-निर्देश होंगे उसका पालन किया जाएगा।
कांग्रेस में भी मनाना हुए मुश्किल; शहर अध्यक्ष की घेराबंदी
उधर, कांग्रेस में भी हालात ठीक नहीं है। पार्टी में शुरू से ही दावेदारी को लेकर काफी घमासान हुआ और लिस्ट भोपाल से फाइनल हुई। इसमें भी 23 वार्डों के प्रत्याशियों को होल्ड पर रखा गया क्योंकि सहमति नहीं बनी। फिर बताया गया कि रविवार को बैठक में मामला सुलझा लिया जाएगा लेकिन इस बीच शनिवार रात को 17 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी जबकि पांच अभी भी बाकी है।
रविवार को महापौर प्रत्याशी संजय शुक्ला के विधानसभा 2 में जनसंपर्क के दौरान वार्ड 26 को लेकर कार्यकर्ताओं में काफी आक्रोश देखा गया। उनका कहना है कि आने वाले दिनों में काले झंडे दिखाकर कांग्रेस को वोट नहीं देने की अपील करेंगे। कांग्रेस के चार वार्डों के नाराज कार्यकर्ताओं ने शहर अध्यक्ष विनय बाकलीवाल के गीता भवन स्थित ऑफिस के सामने धरना प्रदर्शन किया।
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दो दिन दोनों पार्टियों के लिए महत्वपूर्ण, वायरल के डर से फोन पर बातचीत बंद
अब चूंकि 22 जून को नामांकन वापसी है तो ऐसे में सिर्फ 48 घंटे ही मचे हैं। इसके चलते वरिष्ठ नेता रुठों को मनाने में जुटे हैं। उन्हें तर्कों के साथ बताया जा रहा है कि फलां को क्यों टिकिट दिया गया। साथ भी यह भी बताया जा रहा है कि कोई भेदभाव या गुटबाजी नहीं की गई। बहरहाल, 22 जून दोपहर बाद तस्वीर पूरी तरह से स्पष्ट हो जाएगी कि कितने दावेदार बागी हुए और नामांकन वापस नहीं लिया ।