सबसे कम उम्र की सरपंच का खिताब उज्जैन जिले की लक्षिका डागर के नाम
मात्र 21 साल की उम्र में न्यूज़ एंकर और रेडियो जॉकी लक्षिका चिंतामन जवासिया ग्राम पंचायत की सरपंच
उज्जैन। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में उज्जैन जिले के तहसील की चिंतामन-जवासिया ग्राम पंचायत की नव निर्वाचित सरपंच लक्षिका डागर ने मात्र 21 वर्ष की उम्र में ही सरपंच बनकर सबसे कम उम्र की सरपंच का होने का तमगा हासिल कर लिया है। खास बात यह है कि लक्षिका को जन्मदिन के एक दिन पहले गांव की मुखिया बनने का तोहफा मिला है। 27 जून को लक्षिका 22वें वर्ष में प्रवेश करेंगी। उच्च शिक्षित कम उम्र की महिला सरपंच मिलने से गांव में भी खुशी मनाई गई।
शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित चिंतामन जवासिया ग्राम पंचायत में शनिवार को हुए चुनाव के बाद पहली बार सबसे कम उम्र की 21 वर्ष की लक्षिका डागर महिला सरपंच के रूप में विजयी घोषित हुई हैं। ग्राम पंचायत की कुल आबादी 3265 है। पंचायत चुनाव के लिए हुए आरक्षण में यहां एससी महिला के लिए सरपंच पद आरक्षित हुआ था। गांव से अजा वर्ग की करीब आठ महिला उम्मीदवार चुनाव मैदान में थी। इनमें सबसे कम उम्र की लक्षिका ही थी। शनिवार देर रात को आए परिणाम के बाद लक्षिका को 487 मतों से विजयी घोषित किया तो गांव में जश्न का माहौल बन गया। ग्रामीणों ने युवा महिला सरपंच के स्वागत में कोई कोर कसर नही छोड़ी।
लक्षिका ने लक्ष्य साधा और बन गई गांव की मुखिया
नवनिर्वाचित सरपंच लक्षिका डागर ने चर्चा में बताया कि गांव के विकास के लिए कार्य करना था। जब सरपंच के लिए पंचायत में अजा वर्ग की महिला के लिए आरक्षण हुआ, तभी लक्ष्य बना लिया था कि चुनाव लड़कर गांव की समस्या दूर करना है। लक्षिका के पिता दिलीप डागर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक भरतपुरी में रीजनल अधिकारी के पद पर हैं। माता, पिता, बड़े भाई और बहन ने भी लक्षिका को चुनाव के लिए सपोर्ट किया। हालांकि, चुनाव के दौरान सात अन्य महिला प्रत्याशी भी थी। बावजूद इसके ग्रामीणों ने कम उम्र की लक्षिका पर भरोसा जताया।
गांव की मुखिया, न्यूज एंकर और रेडियो जॉकी भी
चिंतामन जवासिया की मुखिया पद पर विजयी हुई लक्षिका पढ़ाई के साथ ही उज्जैन लोकल में न्यूज एंकर और रेडियो जॉकी की भूमिका भी निभाती हैं। एमए मास कम्युनिकेशन एंड फैशन डिजाइन में अध्ययनरत रहते हुए समाज से भी जुड़ी रहती हैं। गांव के लोगों का भी मानना है कि लंबे समय बाद युवा और उच्च शिक्षित महिला सरपंच गांव को मिलने से निश्चित ही गांव को ही फायदा होगा। जीत दर्ज करने के बाद लक्षिका का विजयी जुलूस भी गांव में निकला। इस दौरान ग्रामीणों ने ढोल ढमाकों के साथ गांव की बेटी का स्वागत किया।
घोषणा पत्र के अनुरूप विकास की ओर ध्यान
लक्षिका ने बताया कि चुनाव का नामांकन भरने के साथ ही गांव के विकास को लेकर लक्ष्य तय किया था। घोषणा पत्र में वायदा किया है कि गांव में पेयजल, नाली, स्ट्रीट लाईट की समस्या हल करना है। साथ ही गांव के आवासीय विहिन परिवारों के लिए आवास योजना का लाभ दिलाने का वायदा पूरा करेंगी। इसके साथ ही गांव के पंचायत कार्यालय में ग्रामीणों की समस्या सुनने के लिए उपलब्ध रहेंगी। जिससे ग्रामीणों की समस्या का निराकरण हो सके।