अमरनाथ यात्रा के दौरान एक हजार टन कचरा निपटाने की जिम्मेदारी इंदौर को
350 वॉलेंटियर करेंगे ‘स्वाहा, कश्मीर सरकार ने यात्रा नो सिंगल यूज प्लास्टिक और डिस्पोजेबल आइटम मुक्त रखी
इंदौर। कोरोना के चलते दो साल बाद अमरनाथ यात्रा हो रही है। अगले दो महीने बर्फीली वादियों में होने वाले करीब एक हजार टन कचरे को इंदौर के 350 वॉलेंटियर ‘स्वाहा’ करेंगे। सफाई के मामले में लगातार पांच बार नंबर-1 आए इंदौर आईआईटी के स्टार्टअप ‘स्वाहा’ को यह जिम्मेदारी जम्मू-कश्मीर सरकार ने सौंपी है। कचरे के निस्तारण से बनने वाली ऑर्गेनिक खाद के पैकेट दर्शनार्थियों को उपहार स्वरूप दिए जाएंगे। सरकार का मानना है कि इस वर्ष करीब 8 लाख श्रद्धालु यात्रा करने पहुंचेंगे।
सरकार ने यात्रा नो सिंगल यूज प्लास्टिक और डिस्पोजेबल आइटम मुक्त रखी है। कचरे के लिहाज से जीरो लैंडफिल इवेंट के रूप में स्वाहा के वॉलेंटियर 30 जून से यात्रा मार्ग पर अपनी जिम्मेदारी निभाने में जुट जाएंगे और 11 अगस्त तक वहीं रहेंगे। स्वाहा के को-फाउंडर समीर शर्मा ने बताया कि यात्रा के सभी बेस कैम्प, लंगर, भंडारे सहित अन्य तरह से निकलने वाले कचरे को वॉलेंटियर एकत्र करेंगे। सेग्रीगेशन के बाद ऑर्गेनिक खाद बनाई जाएगी, अन्य कचरे को री-साइकल किया जाएगा। स्वाहा की टीम ने वहां काम शुरू कर दिया है। वेस्ट मैनेजमेंट से जुड़ी मशीनें व अन्य उपकरणों का पूरा सेटअप 30 जून तक तैयार हो जाएगा।
देश के 9 शहरों में वेस्ट मैनेजमेंट का काम कर रहे रोहित अग्रवाल, ज्वलंत शाह और समीर का स्टार्टअप अमरनाथ यात्रा को ‘स्मोक फ्री’ करने के लिए सोलर कांसेट्रेटर्स लगाएगा। इसका इस्तेमाल पानी गर्म करने, खाना पकाने, चाय-दूध गर्म करने से लेकर मैगी बनाने में भी होगा। सभी बैस कैम्प में यह लगेंगे।
इस बार अमरनाथ यात्रा को कचरा मुक्त रखने और पर्यावरण संरक्षण के मकसद से खास तैयारी है। कचरा कलेक्शन से लेकर उसके निस्तारण की जिम्मेदारी इंदौर के स्वाहा स्टार्ट अप को दी है।
– मनदीप कौर, सचिव, रूरल डेवलमेंट डिपार्टमेंट, जम्मू कश्मीर