बीएससी पास शिक्षक को फोन पे प्रतिनिधि बताकर 62500 रुपये ठगे

उज्जैन। इन दिनों साइबर अपराध कुछ ज्यादा ही बढ़ गए हैं। हालांकि साइबर सेल और बैंक सहित तमाम संस्थाएं इस ओर लोगों  को आगाह भी करती रहती हैं। बीएससी पास एक शिक्षक से कैशबैक के नाम पर  62500 रुपये ठग लिए गए। ठगोरे ने फर्जी कॉल के जरिए झांसा देकर उक्त राशि ऐंठ ली। खाचरोद तहसील के बड़ा गांव निवासी धर्मेंद्र सिंह पिता भगवान सिंह के पास आज 13 मई को एक मोबाइल नंबर से फोन आया। सामने वाले व्यक्ति ने अपने आप को कंपनी का अधिकारी बताकर झांसे में ले लिया। साइबर ठगी का शिकार हुए धर्मेंद्र ने पुलिस अधीक्षक राज्य साइबर सेल, उज्जैन को लिखित शिकायत में बताया है कि वह बड़ा गांव में किसानी करता है तथा प्राइवेट स्कूल में अध्यापक है। बीएससी तक पढ़ा लिखा है। धर्मेंद्र ने शिकायत में लिखा है कि मुझे दिनांक 13 मई को मोबाइल नंबर 91 62 9504 5018 से फोन आया। सामने वाले व्यक्ति ने स्वयं को फोन पे का प्रतिनिधि बताते हुए मुझे कैश बैक रिवार्ड प्रदान करने हेतु पेमेंट रिक्वेस्ट भेजा। जिसे मैंने रिसीव कर ओटीपी दर्ज किया। इस तरह उसने कैश बैक के नाम पर मुझ से 6 बार यह प्रोसेस कराई। जिससे मेरे बैंक ऑफ इंडिया के खाते से 6 बार में फोन पे यूपीआई द्वारा अलग-अलग करके कुल 62500 रुपये अवैध रूप से प्राप्त कर लिए। उक्त ठगी कर रुपए प्राप्त करने वाले के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई करने की कृपा करें।
गौरतलब है कि ठगोरे कुछ इस तरह से साइबर क्राइम करते हैं कि कई बार तो पुलिस को भी पता लगाना बहुत मुश्किल होता है। ऐसे कई साइबर अपराध पेंडिंग पड़े हुए हैं , जिनका कोई पता नहीं चला है। ठगोरे  के अकाउंट में पैसा आते ही अकाउंट और जिस नंबर से ठगोरे मोबाइल पर बात करते हैं, दोनों को ही बंद कर देते हैं। दैनिक अवंतिका अपने पाठकों को एक बार फिर आगाह करता है कि किसी व्यक्ति द्वारा मोबाइल पर ओटीपी नंबर मांगा जाना, बैंक अकाउंट या पासवर्ड मांगे जाने पर कभी भी नहीं बताना चाहिए।