आटा-दाल पर जीएसटी लागू करने का विरोध, 14 जुलाई से शुरू होगा देशव्यापी आंदोलन, सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप
इंदौर। गैर ब्रांडेड खाद्य सामग्री को जीएसटी के दायरे में लाने का विरोध शुरू हो गया है। कारोबारियों ने गुरुवार से देशव्यापी आंदोलन खड़ा करने की घोषणा की है। सोमवार को दिल्ली में अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इंदौर से आल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन और सकल अनाज तिलहन व्यापारी संघ के पदाधिकारी भी बैठक में शामिल होने पहुंचे थे।
18 जुलाई से सरकार सभी तरह के पैक आटा, दाल, चावल, अनाज, दही, लस्सी और अन्य खाद्य पदार्थों पर 5 प्रतिशत जीएसटी लागू कर रही है। व्यवसायी इसका विरोध कर रहे हैं। इसे वादाखिलाफी करार देते हुए कह रहे हैं कि 2017 में जीएसटी लागू करते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि अनाज व आटा-दालें जीएसटी से बाहर रहेंगी। व्यापारी डरे हुए हैं कि इससे न केवल महंगाई बढ़ जाएगी बल्कि इससे व्यवसायियों की जीएसटी औपचारिकता पूरी करने की परेशानी भी बढ़ेगी। सोमवार को दिल्ली में इसी मुद्दे पर देशभर के व्यापारियों की बैठक बुलाई गई।
इंदौर से बैठक में शामिल होने के लिए सकल अनाज तिलहन व्यापारी संघ के अध्यक्ष गोपालदास अग्रवाल और आल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल भी दिल्ली पहुंचे। पदाधिकारियों ने इंदौर आकर घोषणा कर दी है कि अनाज व खाद्य सामग्री पर लागू हो रहे जीएसटी के विरोध में 14 जुलाई से प्रदर्शन शुरू होगा। पहले दिन सभी जिला मुख्यालयों पर पूरे प्रदेश में कलेक्टर और जीएसटी के कमिश्नर व अन्य अधिकारियों को टैक्स लगाने के विरोध में ज्ञापन सौंपा जाएगा। इसके बाद 16 जुलाई को विरोध में प्रदेश में बंद का आव्हान किया जाएगा। इस बंद में सभी आटा, दाल मिलों के साथ स्थानीय कारोबारियों और मंडियों को भी शामिल किया जाएगा।
व्यापारी संगठन मंगलवार से बंद और विरोध प्रदर्शन को लेकर प्रदेशभर में बैठकें शुरू करेंगे। प्रदर्शन और बंद पूरे देश में एक साथ होगा। सांकेतिक बंद के बाद भी सरकार ने जीएसटी का निर्णय वापस नहीं लिया तो लंबा आंदोलन खड़ा करने के लिए भी व्यापारी तैयार हैं।
इस बदलाव का विरोध
जीएसटी प्रविधानों में अब तक ब्रांडेड आटा, दाल और खाद्यान्न पर ही जीएसटी है। सभी तरह के अनब्रांडेड खाद्य सामग्री को जीएसटी मुक्त रखा गया है। ताजा संशोधन के अनुसार 18 जुलाई से हर तरह का खाद्यान्न भले वह अनब्रांडेड हो लेकिन पैकिंग और लेबल के साथ में बिक रहा है तो उस पर जीएसटी लागू होगा। अनब्रांडेड में 25 किलो या अधिक की पैकिंग को ही जीएसटी से छूट दी गई है।