बदनाम एप्पल अस्पताल का कलेक्टर मनीष सिंह ने किया इलाज, मेडिकल स्टोर सील अस्पताल पर अर्थदंड

इंदौर। कोरोना संकट काल में मरीजों की मजबूरी की फायदा उठाने वाले एप्पल अस्पताल का कलेक्टर मनीष सिंह ने एक बार फिर अपने अंदाज में इलाज किया है। और इस बार गाज अस्पताल और उसके मेडिकल स्टोर पर गिरी है।

मरीजों से वसूली को लेकर एक बार फिर भंवरकुआ स्थित एप्पल अस्पताल प्रशासन के निशाने पर आया है।  शनिवार को जिला प्रशासन ने अस्पताल की शिकायत पर  जांच कराई और प्राथमिक जांच में अस्पताल के मेडिकल स्टोर को दोषी पाया और मेडिकल स्टोर को सील कर दिया।
अस्पताल में जांच के दौरान  कचरा निपटान भी सही नहीं पाया गया, जिसके चलते नगर निगम ने भी अस्पताल पर एक लाख का अर्थदंड  कर दिया।
दरअसल प्रकाश पारवानी ने कलेक्टर मनीष सिंह को की गई  शिकायत में कहा कि  वह अपनी मां को  अस्पताल में भर्ती करने के लिए गए थे लेकिन वहां अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें एक  फार्म थमा दिया जिसमें अस्पताल के मेडिकल स्टोर से ही दवाएं लेने  अस्पताल में हि जांच कराने की बात लिखी थी।  जिस पर वो सहमत नहीं हुए और उन्हें अपनी  मां को लेकर  लौटना पड़ा।
जांच में मिली और भी अनियमितताएं
जांच के दौरान  200 बैड के अस्पताल में  सुविधाएं, डॉक्टर की संख्या पर्याप्त नहीं मिली। अब अस्पताल को निर्देश दिए गए ही कि  अस्पताल सुविधाएं और चिकत्सक बढ़ने तक  सौ बैड की क्षमता से ही चलेगा।
 मरीजों से पहले भी लूट खसोट को लेकर बदनाम रहा हे अस्पताल
एप्पल अस्पताल कोरोना काल से पहले और कोरोना काल के दौरान मरीजों से लूट और दुर्व्यवहार को लेकर बदनाम रहा है । पहले भी कलेक्टर मनीष सिंह अस्पताल और इसके बदनाम मेडिकल स्टोर पर कार्रवाई कर चुके हैं । एप्पल अस्पताल का यह वही मेडिकल स्टोर है जहां पहली बार रेमेडिसिवर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए जब्त हुए थे ,यही वजह रही कि इस बार कलेक्टर मनीष सिंह ने अस्पताल के मेडिकल स्टोर को सील करा दिया है।