फिल्मी अंदाज में पतियों को दगा दे भाग गई तीन लुटेरी दुल्हन

बैंडबाजा के साथ बारात चल रही थी,उनके पीछे स्कूटर पर चल रहे थे गैंग के मेम्बर, इंदौर में 6 माह बाद बड़ा खुलासा

इंदौर। सज-धज कर धुमधाम से शादी करने वाली तीन युवतियां फिल्मी अंदाज में अपने पतियों को चकमा देकर फरार हो गई। शादी में मिलें जेवर और महंगे कपड़े भी समेट कर ले गई। दूल्हों ने पहले तो ढूंढने का प्रयास किया लेकिन बाद में थाने जाकर रिपोर्ट लिखवाई। पुलिस ने शादी करवाने वाली महिला और उसके बेटे को भी आरोपित बनाया है।
घटना किसी फिल्म की कहानी से मिलती-जुलती है। पंचोला(सांवेर) के जगदीश सुनेर के बेटे भक्त प्रहलाद, लखन और साढू के बेटे जितेंद्र की शादी नहीं हो रही थी। पिछले साल दिसंबर में सिहासा निवासी सुंदरबाई बोडाना से मुलाकात हुई और अपने कुवांरे बेटों की शादी के बारे में बातचीत की।
सुंदरबाई ने कहा कि वह तीन लड़कियों को जानती है जो उसके कहने पर शादी कर सकती हैं। सुंदरबाई ने जगदीश से 5 लाख रुपये ले लिए और भक्त प्रहलाद की तनु,लखन की मधु और जितेंद्र का काजल नामक युवती से रिश्ता तय करवा दिया। 3 दिसंबर को भक्त प्रहलाद ने बिजासन माता,लखन ने चिंतामण गणेश मंदिर और जितेंद्र ने लवकुश चौराहा पर शादी भी कर ली।
शादी की खुशी में 4 दिसंबर को तीनों का घोड़ा-बग्घी और बैंड बाजा के साथ जुलूस निकाला गया। दुल्हे पुरुषों और दुल्हनें महिलाओं के साथ नाचते-झुमते हुए चल रही थी। रात 8:30 बजे अचानक काजल ने पेट दर्द का बहाना बनाया और सुंदरबाई (बुआ) के साथ डाक्टर के पास गई। लौटते वक्त बुआ को गुटखा लेने भेजा और स्कूटर सवार युवकों के साथ फरार हो गई। दो दिन बाद मधु के पेट में भी दर्द उठा और क्लिनिक से फरार हो गई।
लाखों रुपये लुटा चुके जितेंद्र और लखन अपनी-अपनी दुल्हनों को ढूंढ रहे थे कि रिश्तेदार की शादी का बहाना बनाकर तीसरी भी लापता हो गई। गांव और रिश्तेदारों में बदनामी न हो इसलिए दुल्हनें फरार होने के बाद भी दुल्हे चुप रहे। सुंदरबाई और गणेश को दुल्हन तलाशने भेजा। महीनों बाद भी सफलता नहीं मिली तो थाने में केस दर्ज करवाना पड़ा।