उच्च शिक्षा मंत्री के गृह नगर उज्जैन में बड़ा घोटाला : उत्तरपुस्तिका में काट-छांट व ओवर राइटिंग कर फेल को भी कर दिया पास

उज्जैन। उच्च शिक्षा मंत्री के गृह नगर उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश परीक्षा-2022 के नाम पर बड़ा घोटाला सामने आया है। आरोप है कि आंसरशीट में कांट-छांट और ओवर राइटिंग कर फेल हुए अभ्यर्थियों को पास कर दिया गया। बताया जा रहा है कि विश्वविद्यालय के ही इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम की उत्तरपुस्तिका में यह फर्जीवाड़ा सामने आया है।
विश्वविद्यालय में मार्च 2022 में पीएचडी की एंट्रेंस एग्जाम हुई थी। इसमें पहली बार इंजीनियरिंग विषय में भी पीएचडी की शुरुआत की गई, जबकि विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी संस्थान (एसओईटी) में एक भी नियमित शिक्षक नहीं है। पूरा विभाग गेस्ट फैकल्टी के भरोसे चल रहा है।
इंजीनियरिंग में पीएचडी शुरू करने के लिए विश्वविद्यालय के जिम्मेदार इतने अति उत्साहित थे कि उन्होंने कोई शोध निदेशक नहीं होने पर शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज से एमओयू कर पीएचडी की सीटें निकाल दी। एंट्रेंस एग्जाम में एसओईटी में ही कार्यरत कई गेस्ट फैकल्टी ने फॉर्म जमा किया और अधिकांश पास भी हो गए। जो पास होने के लिए न्यूनतम अंक हासिल नहीं कर सके, उनकी आंसरशीट में कांट-छांट कर नंबर बढ़ा दिए गए।

मूल्यांकनकर्ताओं ने 18 को काट किया 45 नंबर

मिली जानकारी के अनुसार एक अतिथि शिक्षक को पहले आंसरशीट में 18 नंबर दिए गए थे। सही उत्तर की संख्या के कॉलम में पहले 18 और गलत उत्तर के कॉलम में 82 लिखा हुआ था लेकिन सांठगांठ और हेरफेर कर आंसरशीट में 18 को काटकर 45 अंक कर दिया गया। पास होने के लिए 45 अंक ही चाहिए थे। ओएमआर शीट पर काले गोल घेरे करते हुए 27 अंक बढ़ा दिए।
एक अन्य महिला अतिथि शिक्षक को भी पहले आंसरशीट में 26 अंक दिए गए थे लेकिन इसमें भी फर्जीवाड़ा करते हुए 26 से बढ़ाकर 45 कर दिए।

इंजीनियरिंग के अलावा विधि संकाय में भी गड़बड़ी

मप्र युवक कांग्रेस के पूर्व प्रदेश सचिव बबलू खिंची ने इसकी शिकायत आईजी, एसपी और माधव नगर थाने में की है। इसमें खिंची ने यह आरोप लगाया है कि पीएचडी एंट्रेंस में इंजीनियरिंग विषय की कॉपियों को चेक करने की जिम्मेदारी जिन लोगों को दी गई, उन्होंने ही कांट-छांट कर फेल अभ्यर्थियों को पास कर दिया।

Author: Dainik Awantika