एमपी में आरएमओ, सिविल सर्जन, नेता और पत्रकार ने मिलकर किया स्वास्थ्य विभाग में करोड़ों का घोटाला
ब्रह्मास्त्र बुरहानपुर
मध्य प्रदेश के बुरहानपुर के जिला अस्पताल में सिविल सर्जन डॉ शकील अहमद, आरएमओ डॉ प्रतीक नवलखे, कांग्रेस नेता, बाबू और पत्रकार ने मिलकर करोड़ों रुपये के घोटाले को अंजाम दिया और पूरी राशि का बंदरबांट कर लिया। इस मामले में पुलिस ने 15 लोगों को आरोपी बनाया है्र। इनमें से 12 लोग गिरफ्तार किए चुके हैं। पुलिस ने तत्कालीन सिविल सर्जन अहमद और आरएमओ नवलखे को भी गिरफ्तार किया है।
जानकारी के अनुसार मई 2022 में सिविल सर्जन और आरएमओ ने मिलकर जिला अस्पताल का कबाड़ बेचा था। इसमें पलंग, पंखा, टेबल, कुर्सी और कूलर सहित अन्य सामान था1 कुछ लोगों ने अस्पताल का सामान कबाड़ी के पास देखा तो पुलिस को सूचना दे दी। इसके बाद सीएमएचओ डॉ राजेश सिसोदिया की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया। इस घोटाले का मास्टरमाइंड आरएमओ डॉ प्रतीक नवलखे है। वहीं जब पुलिस कइी जांच में इस मामले की परतें खुलीं तो 12 करोड़ से ज्यादा का घोटाला सामने आया। आरोपियों ने कोरोना काल में मिले फंड और मरीजों के लिए आए पैसों की जमकर बंदरबांट कर डाली। पुलिस के अनुसार आरएमओ डॉ प्रतीक नवलखे के कहने पर सिविल सर्जन डॉ शकील अहमद लोगों के अकाउंट्स खुलवाता और पैसों को ठिकाने लगवाता रहा1 दोनों ने कई लोगों के नाम बैंक अकाउंट खोल रखे थे। जांच में यह भी पता चला है कि इन्होंने कोरोनाकाल और रोगी कल्याण समिति का पैसा अपने अकाउंट में ट्रांसफर करा लिया1 इसमें डॉक्टर, पत्रकार, नेता, मंडी कर्मचारी, अस्पताल के बाबू भी शामिल थे।
फर्जी कंपनियां बनाईं1 उनके नाम पर पैसा निकाल लिया गया। पुलिस ने आरोपियों के पास से करीब 5 करोड़ की नकदी और संपत्ति भी जब्त की है1
कबाड़ मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच की। इसके बाद पुलिस ने आरएमओ डॉ प्रतीक नवलखे के खिलाफ् धारा 420 के तहत केस दर्ज किया। इसी दौरान पता चला कि करीब 25-30 लाख रुपए डॉ नवलखे ने जुए में उड़ा दिए। जांच में कई फर्जी अकाउंट्स की भी जानकारी मिली है। जांच में पता चला कि दोनों डॉक्टर्स सहित अन्य आरोपियों ने स्वीपर्स की आईडी लेकर फर्जी अकाउंट बनाए थे। इसके बाद उन्होंने उन खातों में पैसे भी डाले। लाखों के ट्रांजेक्शन किए। आरएमओ डॉ प्रतीक नवलखे के ट्रस्ट के अलावा उनके पर्सनल अकाउंट और तत्कालीन सिविल सर्जन के अकाउंट में भी सीधे पैसा गया। दोनों ने नेशनल हेल्थ और रोगी कल्याण समिति का पैसा भी खा लिया1
पुलिस का कहना है कि आरएमओ और सिविल सर्जन समेत 15 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। 15 दिन पहले टीम ने आरएमओ नवलखे और 22 जुलाई को सिविल सर्जन अहमद को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस टीम ने दोनों आरोपियों समेत कुल 12 आरोपियों को अब तक गिरफ्तार किया। वहीं प्रेस क्लब अध्यक्ष डॉ आनंद उर्फ सूर्यकांत दीक्षित, पत्रकार गोपाल देवकर और कांग्रेस नेता विनोद मोरे फिलहाल फरार हैं।