भाजपा-कांग्रेस दोनों ही दल गोपनीय रणनीति बनाने में जुटे
27 को उज्जैन-बड़नगर व खाचरौद जनपद में बोर्ड के लिए सम्मेलन
उज्जैन। जनपद पंचायतों में अपने अध्यक्ष व उपाध्यक्ष बनाने के लिए राजनीतिक दलों के पास अब केवल 48 घंटे का वक्त शेष रहा गया है। इसी वक्त में इन्हें बहुमत के लिए जोड़-तोड़ व रणनीति तय करना है। भाजपा ने तय किया है कि वह नामांकन के 15 मिनट पहले अपने दोनों प्रत्याशी के नाम ओपन करेगी और कांग्रेस 24 घंटे पहले ही बता देगी कि उनके प्रत्याशी कौन रहेंगे? हालांकि यह गोपनीय रहेगा।
आयोग द्वारा जारी शेड्यूल के हिसाब से 27 जुलाई को पहले चरण में उज्जैन, बड़नगर व खाचरौद जनपद पंचायत में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के लिए चयन व बोर्ड के लिए सम्मेलन होना है। इस डेडलाइन को ध्यान में रखकर भाजपा-कांग्रेस दोनों ही दल गोपनीय रणनीति बनाने में जुट गए हैं। पूरी ताकत लगा रहे हैं कि उन्हीं का अध्यक्ष व उपाध्यक्ष बने। ऐसा इसलिए भी अगले वर्ष 2023 में विधानसभा चुनाव है। लिहाजा यदि अभी जनपद पंचायत में उनकी पार्टी का बोर्ड यानी अध्यक्ष-उपाध्यक्ष बनते हैं तो अंचलों में विधानसभा चुनाव के लिए उनकी जमीन तैयार हो पाएगी। ऐसे में कोशिश में कोई कमी व कसर पार्टियां नहीं छोड़ना चाह रही हैं।
जीत के लिए 13 मत लाने जरूरी, त्रिकोणीय में बंट सकते हैं वोट
जनपद पंचायत अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के लिए सीधे तौर पर भाजपा-कांग्रेस के प्रत्याशियों के बीच मुकाबला हाेने वाला है। चूंकि तीनों ही जनपदों में 25 वार्ड या यूं कहे कि 25 मत हैं। ऐसे में इनमें से किसी भी पार्टी के प्रत्याशी को जीत के लिए न्यूनतम 13 मत लाना जरूरी रहेंगे। यदि कहीं किसी पद के लिए मुकाबला त्रिकोणीय होता है तो ये मत विभाजित होने की संभावना रहेगी। ऐसे में जिसे भी ज्यादा मत मिलेगा, वह जीतेगा। गौरतलब है कि दूसरे चरण में जिले की बाकी की घट्टिया-महिदपुर व तराना जनपद पंचायत के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के चयन के लिए सम्मेलन 28 जुलाई को होगा।