चायवाले दोस्त को वह कहती थी डैडी, दो माह में भी नहीं सुलझी सुसाइड मिस्ट्री
इंदौर। सिलिकॉल सिटी में सुसाइड करने वाली 11वीं कक्षा की छात्रा हीरन्या की मौत के मामले में पुलिस दो माह बाद भी आरोपी को नहीं ढूंढ़ नहीं पाई है। हीरन्या के परिजनों ने पुलिस को वे स्क्रीन शॉट भी सौंपे हैं, जिसमें मौत से ठीक एक दिन पहले उसने चाय स्टॉल संचालक दोस्त से चैटिंग की थी। लेकिन पुलिस इस मामले में ठोस निर्णय तक नहीं पहुंची। बताया जा रहा है कि उसके सिगरेट पीने को लेकर कुछ लोगों से ब्लैकमेल कर रहे थे।
दरअसल, हीरन्या पुत्री डॉ. केशव लोनखेडे की मौत की मिस्ट्री उलझी हुई है। परिजनों ने चाय स्टॉल संचालक हर्षवर्धन गोयल के मोबाइल पर किये गए मैसेज ओर उसकी बातों के स्क्रीन शॉट व हीरन्या का मोबाइल भी पुलिस को सौंपा है। सुसाइड के एक दिन पहले यानी शनिवार 14 मई को हर्ष को शीतल की हरकतों के बारे में चैटिंग कर बताया था। इस दौरान हर्ष उसे समझाने का प्रयास कर रहा है। लेकिन इसके अगले ही दिन हीरन्या ने सुसाइड कर लिया।
शीतल के जाने के बाद हीरन्या ने हर्ष से चैटिंग कर अपना दर्द बताया था। इसमें हीरन्या ने कहा था कि मुझे किसी चीज का डर नहीं, डर है तो आपको लेकर…।
शीतल के जाने के बाद हीरन्या ने हर्ष से चैटिंग कर अपना दर्द बताया था। इसमें हीरन्या ने कहा था कि मुझे किसी चीज का डर नहीं, डर है तो आपको लेकर…।
हर्ष को कहती थी डैडी
हीरन्या हर्ष को भी डैडी कहकर बुलाती थी। हीरन्या हर्ष को चैटिंग में बता रही है कि शीतल जब घर आई तो हीरन्या ने पिता डॉ. केशव को शीतल के बारे में बताया था। इतना ही नहीं बेटी हीरन्या और शीतल के बीच मारपीट भी हुई थी।
हर्ष से हीरन्या ने कहा कि उसके पिता ने मोबाइल भी चैक किया और वे रात में ही नाराज होकर चले गए।
मां की बात को लेकर शीतल थी गुस्सा
हीरन्या और शीतल के बीच जो तनाव चल रहा था वह शीतल की मां को लेकर था। शीतल की मां और उसके पिता सालों पहले अलग हो गए थे। यह बात हीरन्या ने कोंचिग में सबको बताई थी। इस बात को लेकर दोनों में टकराव भी हुआ था। इसके बाद शीतल ने हीरन्या को देख लेने की धमकी भी दी थी। जिसके बाद से वह शीतल को बदनाम करने और फंसाने की प्लानिंग कर रही थी।