असामाजिक तत्वों का डेरा : अंधेरा होते ही दशहरा मैदान मयखाने में हो जाता है तब्दील
उज्जैन। शहर में शराब पीने वालों पर पुलिस का किसी प्रकार का अंकुश नहीं है। यही कारण है कि अंधेरा होते ही दशहरा मैदान मयखाने में तब्दील हो जाता है, यहां पर शराब पीने वाले लोग शराब की बोतलें लेकर पहुंच जाते है और खुले में ही शराब पीते नजर आते है, जिससे यहां से गुजरने वाले लोगों को अन्य शराबियों से हमेशा डर बना रहता है,जो कई बार आम लोगों को गालियां देकर उनके बिना किसी के कारण के भिड़ जाते हैं। यह जानकारी पुलिस को भी है, लेकिन दशहरा मैदान पर खुले आम शराब पीने वालों पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। शराब पीने वाले सड़क मैदान जहां मर्जी वहां शराबी अपनी महफिल जमा लेते हैं। इसी तरह नानाखेड़ा पर बस स्टैंड के आसपास का पूरा क्षेत्र शाम होते ही शराबियों का अड्डा बन जाता है। सड़क, मैदान खुली पड़ी हर जगह पर शराबियों का कब्जा रहता है। होटल, ढाबों सहित गुमठियों और हाथठेलों तक पर अवैध तरीके से शराब पिलाई जाती है।