चारों बेटे सक्षम,फिर भी नौकरों जैसा काम करवाते मारपीट करते और खाना भी नहीं देते
पिता को देते धमकी- बात नहीं सुनी तो बहू से लगवा देंगे छेड़छाड़ का केस
इंदौर। जिन माता-पिता ने चलना सिखाया, काबिल बनाया, इंदौर में चार बेटों ने उन्हें दर-दर की ठोकरें खाने के लिए छोड़ दिया। बुजुर्ग दंपति ने बताया कि बेटे नौकरों जैसा काम करवाते, मारपीट करते और खाना भी नहीं देते। सालों से दंपति बेटे-बहू की प्रताड़ना सहन कर रहे थे। अब फैमिली कोर्ट ने चारों बेटों को भरण-पोषण के 1.92 लाख रुपए देने का आदेश दिया है। प्रत्येक बेटा माता-पिता को 1500 रुपए प्रति माह (कुल 6 हजार रुपए प्रति माह) देगा। साथ ही केस खर्च के 2 हजार रुपए देने का भी आदेश दिया।
कोर्ट ने कहा कि चारों बेटे संपन्न होकर माता-पिता का भरण पोषण करने में सक्षम हैं। मीडिया से बातचीत के दौरान दंपति की आंखें भर आईं। उन्होंने बताया कि बेटे हमारे साथ मारपीट करते हैं। कहते हैं काम करोगे तो ही खाना मिलेगा। पिता ओमप्रकाश ने कहा, हमारी औलादें ही बेकार हैं।
बेटे-बहू करवाते थे घर का पूरा काम
राधिका कॉलोनी सुखलिया निवासी माता-पिता ने अपना दो मंजिला मकान चारों बेटों को रहने के लिए दे दिया। इसके बाद चारों ने माता-पिता को नजरअंदाज करना शुरू कर दिया। बहुएं भी उनके साथ बुरा बर्ताव करने लगीं। बेटे-बहू उनसे घर का झाड़ू-पोछा करवाते, दूसरी मंजिल तक बाल्टियों से पानी भरवाते।
भंडारों में खाकर पेट भरते रहे
बेटे माता-पिता को साथ रखने में शर्म आने की बात कहने लगे। जरा-जरा सी बात पर मारपीट करने लगे। दंपति भोजन के लिए अपने रिश्तेदारों के घर जाने लगे तो बेटे पिता को बहू के साथ छेड़छाड़ के केस में फंसाने की धमकी देने लगे। इसके चलते दंपति भोजन भंडारे में जाने लगे। कभी रिश्तेदारों से कुछ राशि मिल जाती। पाटनीपुरा स्थित साईं बाबा मंदिर के भोजनालय में 5 रुपए की रसीद कटा कर वहां भोजन कर लेते। दंपति जब परेशान हो गए तो नवंबर 2019 में वे एडवोकेट कृष्ण कुमार कुन्हारे के संपर्क में आए और उन्हें अपनी पीड़ा बताई। इसके बाद उन्होंने कुन्हारे के माध्यम से चारों बेटों के खिलाफ भरण-पोषण को लेकर फैमिली कोर्ट की शरण ली।