नाग पंचमी पर भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन को उमडे़ भक्त
रात 12 बजे 24 घंटे के लिए मंदिर के पट खुले; साल में 1 बार ही होते हैं इस दुर्लभ प्रतिमा के दर्शन, दूर-दूर से आते हैं श्रध्दालु
आधी रात को हुई त्रिकाल पूजा
उज्जैन। नागपंचमी के अवसर पर महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य शिखर के तीसरे खंड पर स्थित भगवान श्री नागचन्द्रेश्वर मंदिर के पट सोमवार मध्यरात्रि खुल गए। सबसे पहले महाकालेश्वर मंदिर स्थित श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से त्रिकाल पूजन किया गया। इस दौरान प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद थे। ये मंदिर साल में केवल एक बार नागपंचमी पर ही खुलता है। सिर्फ इसी दिन मंदिर की दुर्लभ प्रतिमा के दर्शन आम श्रद्धालुओं को होते हैं।
नागचंद्रेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए सोमवार देर शाम 7 बजे से ही श्रद्धालुओं की कतार लग गई थी। मंदिर के पट 24 घंटे तक खुले रहेंगे। इस दौरान लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। भारतीय पंचांग तिथि अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन ही मंदिर के पट खुलने की परंपरा प्राचीनकाल से चली आ रही है। रात 12 बजे के बाद मंत्री मोहन यादव और कमल पटेल ने भगवान नागचंद्रेश्वर का अभिषेक किया।
पूजन के बाद चला दर्शन का सिलसिला
महानिर्वाणी अखाड़ा की ओर से रात 12 बजे पूजन करने के बाद मंदिर में आम श्रद्धालुओं के दर्शनों का सिलसिला शुरू हो गया। इसके लिए हजारों दर्शनार्थी चारधाम मंदिर की ओर लाइन में खड़े हो चुके थे। इस बार मंदिर प्रशासन द्वारा नागचंद्रेश्वर मंदिर तक नया ब्रिज बनाया गया है, जिससे दर्शन के बाद श्रद्धालुओं को बाहर जाने में भी आसानी रहेगी। यही कारण है कि चारधाम से लाइन में लगने के बाद करीब एक घंटे में ही आम लोगों को दर्शन हो रहे हैं। भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन का सिलसिला मंगलवार को रात 12 बजे तक चलेगा। इसके बाद पट अगली नाग पंचमी तक बंद हो जाएंगे।